जींद (सच कहूँ न्यूज)। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. सुरेन्द्र मलिक ने बताया कि पिछले वर्ष में कपास की फसल गुलाबी सुंडी नामक कीट से प्रभावित हो गई थी। इसी के मद्देनजर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा व कृषि विज्ञान काफी सचेत है ताकि इस बार इस प्रकोप से किसानों की फसल को गुलाबी सुंडी के प्रकोप से बचाया जा सके। उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र मलिक ने सभी किसान भाईयों से आग्रह किया कि जिस भी किसान ने कपास की फसल की अगेती बीजाई की हुई है, उनमें कहीं-कहीं कुछ फूल लगने शुरू हो गये हैं, जिनमें गुलाबी सुंडी का प्रकोप देखने को मिला है। इस समय के फूलों की कोई पैदावार नहीं मिलती, उल्टा ये फूल गुलाबी सुंडी की मादा तितली को अपने अंडे देने में सहायता करते हैं। जहां से ये समय पर आने वाले फूलों में अंडे देने में व आगे प्रजनन प्रक्रिया में सहायक बनते हैं, जो बाद में जाकर अपनी फसल में काफी मात्रा में पनप जाते हैं तथा कपास की फसल पर आक्रमण करके आपकी फसल को नष्ट कर देते है।
उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र मलिक ने किसानों को किया सचेत
इससे आपको काफी आर्थिक नुक्सान का सामना करना पड़ता है। अभी से कपास की फसल की गुलाबी सुंडी व रस चुसक कीटों का प्रकोप देखने को मिला है। आप सभी किसान भाईयों को सलाह दी जाती है कि आप सुबह व सांय को अपने खेतों का निरीक्षण करें और जरूरत पड़ने पर किसी नीम आधारित कीटनाशक का 150 लीटर पानी में एक लीटर प्रति एकड़ के हिसाब से मिलाकर फसल में छिड़काव करें तथा जहां भी इस समय वांछित फूल लगे हुए पाए जाते हैं, उनको तोड़कर खेत से दूर मिट्टी में दबा दें ताकि इन भयानक कीटों से कपास की फसल को बचाया जा सके। उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र मलिक ने किसानों को सलाह दी कि वे बिना जरूरत के किसी भी कीटनाशक का कपास की फसल पर छिड़काव न करें। जब भी जरूरत समझें तो कृषि विभाग से सलाह लेकर ही कीटनाशक खरीदें तथा विभाग द्वारा बताए गए नियमानुसार ही छिड़काव करें।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।