वे दिन गए जब केवल फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स ही निवेश किया करते थे। आज के समय में हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन और डिजिटल प्लेटफॉर्म हैं, जिसके चलते अब कोई भी आसानी से स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकता है। नए निवेशक भी आसानी से स्टॉक मार्केट के बारे में सीख सकते हैं और निवेश कर पैसे कमा सकते हैं। हालांकि निवेश का कोई शॉर्टकट नहीं है। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होता ही है, ऐसे में यह समझना जरूरी है कि शेयरों में निवेश पर आपको फायदा भी हो सकता है और नुकसान भी। बाजार की चाल हमेशा ऊपर की ओर नहीं होती है। इसलिए निवेश करते समय धैर्य रखना जरूरी है।
1. प्लानिंग के साथ करें निवेश:
समझने वाली पहली बात यह है कि म्यूचुअल फंड के विपरीत, शेयरों में सीधे निवेश करने से रिस्क ज्यादा होता है। निवेश करने से पहले कैपिटल अमाउंट की योजना बनाना और निर्धारित करना जरूरी है। जरूरी बात यह है कि पहले आपको अपनी जोखिम उठाने की क्षमता का पहचानना होगा और इसी आधार पर निवेश करना चाहिए। हाई रिस्क, हाई रिटर्न फिलॉसफी को आंख मूंदकर फॉलो न करें और आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लॉन्ग टर्म प्रभावों पर विचार करना चाहिए।
2. बाजार को समझना जरूरी:
नए निवेशकों को यह समझना चाहिए कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। यहां तक कि अनुभवी निवेशक भी हमेशा बाजार के व्यवहार का सटीक अनुमान नहीं लगा सकते हैं। यदि एक दिन स्टॉक की कीमत बढ़ जाती है, तो ऐसा भी हो सकता है कि अगले दिन उसकी कीमत घट जाए। इसलिए, शेयर बाजार को प्रभावित करने वाले कारकों को समझना अहम है। अनुभवी निवेशक भी कई बार गलत साबित हो सकते हैं। छोटी अवधि में होने वाले नुकसान पर फोकस करने के बजाय लंबी अवधि के रिटर्न पर ध्यान दें।
3. लक्ष्य ऐसे बनाएं, जिन्हें हासिल किया जा सके:
शौकिया निवेशक अक्सर तुरंत हाई रिटर्न की उम्मीद करते हैं। उदाहरण के लिए, हर साल स्टॉक पर 100% से अधिक का रिटर्न कमाने की उम्मीद करना ठीक नहीं है। हालांकि, कुछ निवेश हाई रिटर्न दे सकते हैं। इसलिए आपको हमेशा वास्तविकता को समझते हुए निवेश करना चाहिए। फाइनेंशियल गोल ऐसे होने चाहिए जिन्हें आप हासिल कर सकते हैं।
4. शुरूआत में लीवरेज्ड इंस्ट्रूमेंट्स से बचें:
नए निवेशकों को कैश डिवीजन में इक्विटी में निवेश करना शुरू कर देना चाहिए और लीवरेज्ड फाइनेंस से बचना चाहिए। लीवरेज्ड निवेश एक ऐसी रणनीति है जिसके तहत पैसे उधार लेकर निवेश के मुनाफे को बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। ये लाभ उधार ली गई पूंजी पर निवेश रिटर्न और ब्याज की लागत के बीच के अंतर से प्राप्त होते हैं। इसमें प्रॉफिट की संभावना तो बढ़ जाती है, लेकिन नुकसान की संभावना भी बढ़ जाती है।
5. जल्दबाजी में फैसले लेने से बचें:
फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बनाए रखने के लिए चीजों को सरल रखना चाहिए। अपने एनालिसिस को जितना हो सके सरल रखें। जैसा कि पहले हमने बताया है कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होता ही है। हालांकि, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप कभी भी बाजार के उतार-चढ़ाव को देखकर जल्दबाजी में और फौरन फैसले न लें। स्टॉक के प्रदर्शन से घबराने के बजाय, आपको एक व्यापक रणनीति बनानी चाहिए और उस पर टिके रहना चाहिए।
6. नए निवेशक बनाएं रणनीति:
शेयर बाजार में निवेश पर काफी फायदा हो सकता है। हालांकि, आपको कुछ ऐसे नुकसानों से बचना चाहिए जिनका सामना ज्यादातर नए निवेशक पहली बार निवेश करते समय करते हैं। नए लोगों को निवेश के लिए एक रणनीति तैयार करनी चाहिए। यह रणनीति ऐसी होनी चाहिए जिसके तहत बाजार की स्थितियों की परवाह किए बिना अच्छे और बुरे दोनों समय में उस पर कायम रहा जा सके।
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