up expressway news: मुज्जफरनगर, अनु सैनी। उत्तर प्रदेश में तीनों राष्ट्रीय राजमार्गों में 195 गांवों की जमीन अधिग्रहण की गई हैं, किसानों ने मुआवजे के पैसे से लाभ उठाया गया हैं, और उनके जीवन शैली में महत्वपूर्ण बदलाव आया हैं। आज किसान सुंदर घरों में रहते हैं और परिवार के साथ महंगी कारों में घूमते हैं। जिले में तीन नेशनल हाईवे बन रहे हैं। यूपी के बिजनौर जिले में 3 राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने के लिए करीब 1454 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी गई हैं। Expressways in UP
1325 करोड़ रुपये का मिल चुका हैं मुआवजा | Expressways in UP
अब तक किसानों को 1325 करोड़ रुपये का मुआवजा मिल चुका हैं, और उनके पास लगभग 129 करोड़ रुपये मिलना बाकी हैं, तीनों राष्ट्रीय राजमार्गों में 195 गांवों की जमीन खरीदी गई हैं, किसानों ने मुआवजे के पैसे से लाभ उठाया हैं इससे उनके जीवन शैली में महत्वपूर्ण बदलाव आया हैं। आज किसान झोपड़ी में नहीं बल्कि सुंदर घरों में रहते हैं और परिवार के साथ महंगी कारों में घूमते हैं।
इतनी जमीन की जाएगी अधिग्रहण | Expressways in UP
जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 709 (पानीपत खटीमा मार्ग नगीना सेक्शन), राष्ट्रीय राजमार्ग 119 (मेरठ से नजीबाबाद) और राष्ट्रीय राजमार्ग 74 (हरिद्वार से काशीपुर का निर्माण चल रहा हैं)। नेशनल हाईवे 119 को मेरठ से नजीबाबाद बनाने के लिए 298.7549 हेक्टेयर भूमि खरीदी गई हैं, जिसमें नेशनल हाईवे 74 के लिए 355.0030 हेक्टेयर भूमि और नेशनल हाईवे 709 के लिए 13.5656 हेक्टेयर भूमि शामिल हैं। नेएशनल हाईवे 74 के लिए जिले में 114 गांवों की जमीन 710 करोड़ रुपये में खरीदी गई थी, और किसानो को अब तक 676 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया हैं।
5% मुआवजा है बाकि अभी भी लगभग पांच प्रतिशत
बता दें कि अभी भी लगभग पांच प्रतिशत मुआवजा देना बाकी हैं, नेशनल हाईवे 709 के निर्माण के लिए जिले के पांच गांवों की जमीन 20 करोड़ रुपये में खरीदी गई थी, और किसानो को अब तक जगभग 20 करोड़ रुपये मुआवजा दिया गया हैं, नेशनल हाईवे 119 पर 76 गांवों की जमीन करीब 724 करोड़ रुपये में खरीदी गई थी और किसानों को अब तक करीब 629 करोड़ रुपये मुआवजा दिया गया हैं।
किसानों को मिलेगा 14 फीसदी मुआवजा
किसानों को अभी 14 प्रतिशत मुआवजा मिलेगा, तीनों राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगभग 129 करोड़ किसानों को अभी भी मुआवजा मिलना बाकी हैं, किसानों को राष्ट्रीय राजमार्ग में मुआवजे के नाम पर भारी रकम मिलने के बाद उनकी जीवन शैली बदल गई हैं, गाव बन गए हैं, कुछ लोगों ने बड़े शहर की तरह आलीशान कोठियां बन ली हैं गांव में पत्थर टाइलों से सजे मकान शहर की झलक देते हैं।