बोले: केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष रखी जाएगी किसानों की बात
सच कहूँ/नवीन मलिक रोहतक। सांसद धर्मवीर सिंह ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से ही भाजपा की केंद्र सरकार अपनी नई कृषि नीति के तहत तीनों अध्यादेश लेकर आई है। सांसद धर्मवीर सिंह, सांसद नायब सिंह सैनी तथा सांसद बृजेंद्र सिंह की कमेटी ने शनिवार को स्थानीय सर्किट हाउस में विभिन्न किसान संगठनों, अनाज मंडी व सब्जी मंडी के व्यापारियों की समस्याओं को सुना और उनसे सुझाव भी प्राप्त किये। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि विभिन्न किसान संगठनों व व्यापारियों से जो सुझाव मिले हैं, उन्हें केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष रखा जाएगा। सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों अध्यादेश एक दूसरे के पूरक है और एक सूत्र में बंधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन अध्यादेशों को लाने का मकसद यही है कि कृषि के क्षेत्र में ढांचागत सुधार लाया जा सके और किसानों को उनकी फसल का लाभदायक मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि तीनों अध्यादेशों को लेकर भ्रम फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि वास्तविकता यह है कि इन अध्यादेशों से न तो मंडी की व्यवस्था समाप्त होगी और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य को समाप्त किया जाएगा। हर हाल में किसान को उसकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा। सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि एक प्रकार से किसान को खुले बाजार में अपनी उपज बेचने की आजादी दी गई है। तीनों सांसदों की कमेटी ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के हित को देखते हुए तीन अध्यादेश लेकर आई है, जिससे किसानों को हर क्षेत्र में मजबूती मिलेगी।
तीनों सांसदों ने कहा कि किसानों को बेहतर दाम वाले अपनी पसंद के बाजार में उपज बेचने के विकल्प देने से संभावित खरीदारों की संख्या भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश के माध्यम से सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कई कृषि उत्पादों को इस कानून के दायरे से बाहर कर दिया है। उन्होंने कहा कि अध्यादेश के जरिए अनाज, तेल, प्याज और आलू आदि को इस कानून से बाहर कर दिया गया है। इससे किसानों को काफी फायदा पहुंचेगा। इस अवसर पर भाजपा के जिला अध्यक्ष अजय बंसल, रमेश भाटिया, डॉ. दिनेश घिलौड़, रणबीर ढाका, उदय भान व राजवीर आर्य भी मौजूद थे।
कृषि अध्यादेश को लेकर बैठक औचित्यहीन : अनिल नांदल
भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल ने सर्किट हाउस में तीनों कृषि अध्यादेश को लेकर हुई बैठक को सिरे से खारिज करते हुए कहा की यह बैठक किसानों के हित में नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि सर्किट हाउस में हो रही है पहले दौर की बातचीत से भारतीय किसान यूनियन अंबावता सहमत नहीं है। जब तक किसानों के सभी संगठन इसमें शामिल नहीं होंगे, तब तक बातचीत से कोई हल नहीं निकल सकता। गत दिनों सिरसा में हुई सरकार के साथ सभी 17 संगठनों की बैठक में जो शामिल थे, उन सब को बुला कर इस अध्यादेश पर चर्चा करनी चाहिए।
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