Haryana Holiday News: ओमप्रकाश चौटाला के निधन पर हरियाणा में 3 दिन का राजकीय शोक

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Haryana Holiday News: ओमप्रकाश चौटाला के निधन पर हरियाणा में 3 दिन का राजकीय शोक

शनिवार को प्रदेशभर रहेगा अवकाश

हिसार (सच कहूँ/संदीप सिंहमार)। Haryana Holiday News: हरियाणा सरकार ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं इंडियन नेशनल लोकदल के प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला के निधन पर हरियाणा में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। हरियाणा सरकार के गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। आदेशों के तहत 20 से 22 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में राजकीय शोक रहेगा। 21 दिसंबर को पूरे प्रदेश में सरकारी व निजी संस्थानों में एक दिन का अवकाश रहेगा। ज्ञात रहे कि देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे ओमप्रकाश चौटाला 7 बार विधायक और पांच बार मुख्यमंत्री रहे हैं। Haryana Holiday News

पीएम नरेंद्र मोदी समेत हरियाणा व पंजाब समेत देशभर के वरिष्ठ नेताओं ने उनके निधन पर दुख प्रकट किया है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राजकीय शोक के दौरान के पूरे हरियाणा में उन सभी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा आधा झुका रहेगा, जहां राष्ट्रीय ध्वज नियमित रूप से फहराया जाता है। इस दौरान कोई भी सरकारी मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री का अंतिम संस्कार 21 दिसंबर को राजकीय सम्मान के साथ होगा। इस संबंध में भी आदेश पारित कर दिया गया है।

सत्ता, जेल और एक युग का अंत | Haryana Holiday News

हरियाणा की राजनीति के बादशाह माने जाने वाले देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के पुत्र एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा की राजनीति में अपने कड़े निर्णय के लिए हमेशा के लिए जान जाएंगे। ओम प्रकाश चौटाला अंतिम बार 2005 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। 2005 में हुए हरियाणा विधानसभा के चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल को करारी हार मिली। तब इंडियन नेशनल कांग्रेस को चौधरी भजनलाल के नेतृत्व में 67 सीटों पर विजय मिली। तब से लेकर अब तक ओमप्रकाश चौटाला व उनकी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल को दोबारा सरकार में भागीदारी नहीं मिली।

ओम प्रकाश चौटाला को इस दौरान जहाँ सत्ता का सुख नहीं मिला। वहीं बहुत चर्चित जेबीटी टीचर घोटाले में उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल में भी रहना पड़ा। उनके साथ ही उनके बेटे अजय सिंह चौटाला को भी जेल हुई थी। वाकपटुता के धनी ओम प्रकाश चौटाला किसी भी मंच पर अपने विशेष अंदाज में अपनी बात रखने के माहिर थे। जब चौटाला को जेल हुई उनके पास दसवीं कक्षा तक की भी शिक्षा नहीं थी। इसी बीच 10 वर्षों तक हरियाणा में इंडियन नेशनल कांग्रेस की सरकार रहने के बाद हरियाणा में 2014 में भारतीय जनता पार्टी को पहली बार बहुमत मिला व मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। इसी दौरान प्रदेश में एक नियम लागू हुआ चुनाव लड़ने के लिए 12वीं पास होना जरूरी है।

दोबारा चुनाव लड़ने व सत्ता सुख भोगने के लिए ओमप्रकाश चौटाला ने तिहाड़ जेल में रहते हुए ही पहले दसवीं पास की और फिर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से ही 12वीं की परीक्षा भी पास की।लेकिन उनकी किस्मत में शायद सत्ता का सुख नहीं लिखा था। ओम प्रकाश चौटाला के तिहाड़ जेल में रहने के दौरान ही उनके बेटे अजय सिंह चौटाला व अभय सिंह चौटाला में भी मतभेद हो गए। अजय सिंह चौटाला ने जननायक जनता पार्टी नाम से अपना अलग राजनीतिक दल रजिस्टर्ड करवा लिया। 2019 के चुनाव में जननायक जनता पार्टी ने अपने खुद के दम पर चुनाव लड़ते हुए 10 सीट हासिल की। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी को महज 40 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा।

बहुमत के आंकड़े से दूर रहे भारतीय जनता पार्टी दल को जननायक जनता पार्टी से समझौता करते हुए ओमप्रकाश चौटाला के पौत्र दुष्यंत चौटाला को हरियाणा का डिप्टी सीएम बना दिया। इस दौरान भी ओम प्रकाश चौटाला अपने पौत्र दुष्यंत चौटाला पर राजनीतिक तंत्र कसते रहे। जब ओम प्रकाश चौटाला जेल में रहे, तब उनकी राजनीतिक विचारधारा को उनके बेटे अभय सिंह चौटाला ने आगे बढ़ाया। 2014 के चुनाव में इंडियन नेशनल लोकल के बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद भी सत्ता में नहीं आ सकी। इस दौरान अजय सिंह चौटाला को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया,लेकिन 2019 में 2024 के चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल अपने सबसे ज्यादा डाउनफॉल पर रही। इस प्रकार एक बार और हरियाणा का सीएम बनने का सपना ओम प्रकाश चौटाला का अधूरा रह गया।

हरियाणा की राजनीति में रही गहरी पैठ | Haryana Holiday News

ओमप्रकाश चौटाला एक प्रमुख भारतीय राजनेता रहे हैं। जिन्हें हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाएगा। हरियाणा में एक दौड़ रहा है। जब तीन लाल हरियाणा की राजनीति में सक्रिय थे। ओम प्रकाश चौटाला उन्हीं लालों में से एक किसानों के मसीहा ताऊ के नाम से मशहूर चौधरी देवीलाल के बेटे थे। चौधरी देवीलाल भारत की राजनीति के एक प्रमुख नेता थे लेकिन चाह कर भी ओमप्रकाश चौटाला उनकी कमी पूरी नहीं कर सके।

ओमप्रकाश चौटाला ने औपचारिक उच्च शिक्षा हासिल नहीं की, बल्कि कम उम्र से ही अपने राजनीतिक करियर को बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। बाद में तिहाड़ जेल में रहते हुए ओपन स्कूलिंग से 10 वीं व 12 वीं पास की। उनका राजनीतिक कैरियर कई दशकों तक फैला हुआ है, जहां उन्होंने विभिन्न विभागों को संभाला और राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।चौटाला को अपने करियर के दौरान कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिनमें सबसे प्रमुख चुनौती शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी ठहराया जाना था, जिसके कारण उन्हें जेल की सजा हुई।अपने जमीनी दृष्टिकोण के लिए जाने जाने वाले चौटाला अपने कार्यकाल के दौरान कृषि और ग्रामीण नीतियों को आकार देने में प्रभावशाली रहे हैं।

अपने योगदान के बावजूद, चौटाला का करियर कई विवादों से घिरा रहा है, जिसने राज्य की राजनीति में उनकी और उनकी पार्टी की स्थिति को प्रभावित किया है। उनका परिवार राजनीति में गहराई से शामिल रहा है, उनके बेटे भी हरियाणा में महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्तियां हैं। चौटाला जनता के साथ सीधे संपर्क और अपने मतदाता आधार के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने के प्रयासों के लिए जाने जाते हैं। ओमप्रकाश चौटाला का करियर क्षेत्रीय भारतीय राजनीति की जटिलताओं और गतिशीलता को दर्शाता है, तथा उपलब्धियों और चुनौतियों दोनों को दर्शाता है।

चौटाला सरकार में ही बनी थी हरियाणा में शिक्षा नीति-2003

ओमप्रकाश चौटाला का राजनीतिक जीवन कई उपलब्धियों से भरा रहा है, खासकर हरियाणा के विकास के संदर्भ में। चौटाला ने ग्रामीण विकास पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित किया तथा बुनियादी ढांचे, कृषि और ग्रामीण शिक्षा में सुधार के लिए नीतियों को लागू किया। हरियाणा में शिक्षा नीति 2003 चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की सरकार में ही लागू की गई थी, जो अब तक चली आ रही है।

उनके नेतृत्व में कृषि उत्पादकता बढ़ाने तथा सब्सिडी और बेहतर सुविधाओं के माध्यम से किसानों को अधिक सहायता प्रदान करने के प्रयास किए गए।उन्होंने हरियाणा में, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, शिक्षा के अवसरों का विस्तार करने, साक्षरता दर बढ़ाने और शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से कई पहल की शुरुआत की। चौटाला ने सड़कों और परिवहन बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे राज्य में बेहतर कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास संभव हुआ।

एक नेता के रूप में, उन्होंने हरियाणा की राजनीति में इंडियन नेशनल लोकदल की उपस्थिति और प्रभाव को मजबूत किया, तथा एक महत्वपूर्ण मतदाता आधार और राजनीतिक प्रभाव बनाए रखा। चौटाला ने हरियाणा की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण जल प्रबंधन और सिंचाई सुविधाओं में सुधार के लिए योजनाओं और नीतियों पर जोर दिया। उनका कार्यकाल जमीनी स्तर पर विकास पर ध्यान केंद्रित करने और क्षेत्रीय मुद्दों से निपटने के मिश्रण को दर्शाता है, जिससे राज्य की समग्र भलाई में सुधार लाने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

विवादों से भी रहा पुराना नाता | Haryana Holiday News

ओमप्रकाश चौटाला अपने राजनीतिक जीवन में कई विवादों में शामिल रहे हैं। चौटाला पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे, विशेष रूप से शिक्षक भर्ती घोटाले में उनकी संलिप्तता, जहां उन पर और उनके सहयोगियों पर हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अवैध रूप से शिक्षकों की भर्ती करने का आरोप लगाया गया था। 2013 में चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को शिक्षक भर्ती घोटाले में उनकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया गया और दस साल की जेल की सजा सुनाई गई।

इस मामले ने सार्वजनिक सेवाओं में व्यापक भ्रष्टाचार को उजागर किया। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्हें भाई-भतीजावाद के आरोपों का सामना करना पड़ा, आलोचकों ने उन पर राजनीतिक नियुक्तियों और सरकारी अनुबंधों में परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों को तरजीह देने का आरोप लगाया। अपने पूरे करियर के दौरान, चौटाला विभिन्न राजनीतिक घोटालों में शामिल रहे, जिनमें चुनाव के दौरान चुनावी कदाचार और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप शामिल थे।

चौटाला परिवार पर वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप अक्सर लगाया जाता रहा है, क्योंकि परिवार के कई सदस्य वर्षों से महत्वपूर्ण राजनीतिक भूमिकाएं निभा रहे हैं। इन विवादों ने उनके राजनीतिक करियर और उनकी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) की प्रतिष्ठा दोनों को काफी प्रभावित किया। इन चुनौतियों के बावजूद, वे कई वर्षों तक हरियाणा की राजनीति में एक प्रमुख नेता बने रहे। Haryana Holiday News

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