नकदी और एक पिस्तौल और एक डमी पिस्तौल भी बरामद
अमृतसर (सच कहूँ न्यूज)। Amritsar News: एक बड़ी सफलता में, अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने पंजाब और हरियाणा में तलाशी के साथ कुछ ही घंटों में अमृतसर में बंदूक की नोक पर हुई बैंक डकैती की गुत्थी सुलझा ली है। पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने सोमवार को बताया कि बैंक डकैती के सभी तीन आरोपियों को लूटी गई नकदी और दो पिस्तौल (0.30 बोर पिस्तौल और डमी पिस्तौल) के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है। Amritsar News
यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस सुरक्षा बनाए रखने के लिए शत-प्रतिशत प्रतिबद्ध है और संगठित अपराध में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने सोमवार को पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जानकारी दी है। पुलिस कमिश्नर भुल्लर ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान सुल्तानविंड रोड स्थित भाई मंझ सिंह निवासी सूरज, इंद्रजीत सिंह उर्फ साजन और सुल्तानविंड रोड स्थित गोबिंद नगर निवासी प्रिंस उर्फ शेरा के रुप में बताई। Amritsar News
उन्होंने बताया कि 6 मार्च दोपहर तीन लड़के बैंक में आए, जिनमें से एक के हाथों में पिस्तौल की तरह दिखने वाली कोई चीज थी, डरा-धमका कर कैशियर की सीट से 12 लाख 78 लाख और 122 रुपये लूट कर ले गए। आरोपी बैंक से लूटी राशि एक लिफाफे में डाल कर फरार हो गए। बी डिवीजन थाने की पुलिस ने बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर मलिक सिंह की शिकातयत केस दर्ज कर लुटेरों को काबू करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी। Amritsar News
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि वारदात के कुछ ही देर बाद सीआईए स्टाफ-1, सीआईए स्टाफ-2 तथा सीआईए स्टाफ-3 की अलग-अलग टीमें गठित कर दी गई। वारदात स्थल और आस-पास के क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालने के बाद लुटेरों की पहचान सूरज (22), इंद्रजीत सिंह उर्फ साजन (19) तथा प्रिंस उर्फ शेरा (32) के रुप में कर ली गई। उन्होंने बताया कि वारदात के 24 घंटों में ही पुलिस ने तीनों को काबू कर लिया और उनके कब्जे से बैंक से लूटे गए पैसों में से साथ लाख 70 हजार रुपये बरामद कर लिए। डीसीपी (इन्वेस्टिगेशन) हरप्रीत सिंह मंडर ने बताया कि बैंक लूट में शामिल सूरज विरुद्ध शहर के अलग-अलग थानों में वाहन चोरी के सात मामले जबकि इंद्रजीत उर्फ साजन के खिलाफ तीन मामले दर्ज है। Amritsar News
यह भी पढ़ें:– Stray Dogs: कई स्थानों पर आवारा कुत्तों ने आधा दर्जन लोगों को बनाया शिकार