ढाका (एजेंसी)। बंगलादेश में कॉक्स बाजार के चकमार्कुल शिविर के पास एक पहाड़ी जंगल से पुलिस ने तीन अपहृत रोहिंग्या शरणार्थियों(Rohingya Refugees)को घायल अवस्था में मुक्त करा लिया है लेकिन उनके तीन अन्य सहयोगी अब भी लापता हैं।
पुलिस द्वारा सोमवार को बचाए गए शरणार्थियों में बालुखली शिविर का मोहम्मद आलम (45) और कुतुपालोंग शिविर का अब्दुल खलिक (23) तथा मोहम्मद अनवर (33) हैं।
तीनों की गर्दन आधी कटी हुई थी। टेकनाफ मॉडल थाना के प्रभारी रणजीत कुमार बरूआ ने बताया कि बचाए गए और लापता शरणार्थियों को दैनिक मजदूरी करने के लिए बालुखली शिविर से बैट्री चालित तीपहिया वाहन पकड़ने को कहा गया था। पहले सबों को चकमार्कुल शिविर और बाद में पास के जंगल ले जाया गया। अपहतार्ओं ने उनमें भय पैदा करने और फिरौती वसूलने के इरादे से उनकी गर्दन के आधे हिस्से को काट दिया।
उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस ने तलाश अभियान शुरू किया और तीनों को मुक्त करा लिया। तीनों को पहले स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया किया जहां से उन्हें कॉक्स बाजार सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। तीन में से दो मुश्किल से बोल पा रहे हैं जबकि तीसरा कुछ भी बोल नहीं पा रहा है क्योंकि उसका वोकल कोर्ड कट चुका है।
पिछले एक वर्ष में19 रोहिंग्या शरणार्थियों(Rohingya Refugees)की हत्या
बताया जाता है कि रोहिंग्या शरणार्थियों के खिलाफ अपराध में रोहिंग्या अपराधी ही शामिल है। कॉक्स बाजार के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोहम्मद इकबाल हुसैन ने अपहरण के उक्त मामले में रोहिंग्या अपराधियों के हाथ होने की आशंका व्यक्त की है। उनके मुताबिक पिछले एक वर्ष के दौरान 19 रोहिंग्या शरणार्थियों की हत्या हो चुकी है जिनमें रोहिंग्या अपराधियों के हाथ थे।
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