सेवानिवृत अधिकारी आर.के. चावला की हत्या में चार गिरफ्तार
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कंपनी के ही ठेकेदारों से फुटओवर ब्रिज के डिजायन पर था विवाद
गुरुग्राम (सच कहूँ/संजय मेहरा)। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सेवानिवृत्त अधिकारी की हत्या के तार गुरुग्राम से जुड़े हैं। भले ही जयपुर में उनकी हत्या की गई हो, लेकिन शूटर गुरुग्राम से ले जाये गये थे। यह हत्या गुरुग्राम से जयपुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-48 पर फुटओवर ब्रिज के डिजायन को लेकर हुए विवाद को लेकर की गई थी। कंपनी के ही ठेकेदारों से उनका विवाद हुआ था। इसके लिए हरियाणा के अलग-अलग स्थानों से 15 लाख रुपये देकर शूटरों से सेवानिवृत्त अधिकारी की हत्या करवा दी गई। इस मामले में राजस्थान पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों में इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी का मालिक करणदीप श्योराण (29) निवासी साकेत कॉलोनी हिसार (हाल किराएदार गुरुग्राम), नवीन बिस्ला (31) निवासी गांव उरलाना पानीपत, विकास (33) निवासी हिसार (हाल किराएदार गुरुग्राम), अमित नेहरा (26) निवासी आलमपुर भिवानी (हाल किराएदार गोल्फ सेक्टर-65 गुरुग्राम) को गिरफ्तार किया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी का मालिक मुख्य आरोपी
इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी का मालिक करणदीप मुख्य आरोपी है। मैसर्स ई-5 इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी का मालिक है। विकास देवंदा और नवीन दोनों ही इंजीनियर है। वे करणदीप की कंपनी में काम करते हैं। उन्होंने आपस में ही बातचीत की। योजना बनाई कि आर.के. चावला कंपनी के कार्यों में काफी परेशान कर रहा है। इसको सबक सिखाना होगा। तब 15 लाख रुपये में दो शूटर को सुपारी दी गई।
मीटिंग में साथ लेकर आए शूटर
जयपुर में हुई बैठक में भाग लेने को पहुंचे इंजीनियर विकास और नवीन दोनों ही शूटर को गुरुग्राम से साथ लेकर पहुंचे थे। शूटर्स को पहले ही बाहर आकर बता दिया था कि आर.के. चावला कौन से हैं। बैठक से बाहर निकलते ही दोनों ने आर.के. चावला को मार दिया। बाद में विकास और नवीन ने गुरुग्राम पहुंच कर करणदीप को पूरी बात बताई। घटना के बाद से ही पुलिस आरोपियों की धरपकड़ में लगी थी। आखिरकार पुलिस चार आरोपियों को काबू करने में सफल हो गई।
26 अगस्त 2021 को की गई थी हत्या
जयपुर के पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव के मुताबिक बीती 26 अगस्त को आर.के. चावला निवासी फरीदाबाद, जयपुर में प्रोग्रेस मीटिंग में शामिल होने के लिए पहुंचे। मीटिंग के बाद बाहर निकलते ही दो युवकों ने उन पर ताबड़तोड़ फायर कर हत्या कर दी। दोनों फरार हो गए। भागने के बाद पुलिस ने 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले। आरोपी काले रंग की फॉर्च्यूनर में भागते हुए दिखाई दिए। उनकी पहचान नहीं हो सकी। तब पुलिस ने कंपनी के ठेकेदारों और कर्मचारियों से ही पूछताछ शुरू की।
14 फुटओवर ब्रिज 35 करोड़ रुपये में बनने थे
बता दें कि गुरुग्राम से जयपुर तक 14 फुटओवर ब्रिज 35 करोड़ रुपये में बनने थे। इसका टेंडर करणदीप नामक व्यक्ति की कंपनी को मिला था। उनकी कंपनी ने समय पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया। इसलिए कंपनी पर 3.5 करोड़ की पेनल्टी लगा दी गई। करणदीप ने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए समय मांगा था। इसके लिए जयपुर में बैठक आहुत की गई। इस बैठक में कंपनी से जुड़े आर.के. चावला के अलावा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से हरि सिंह मौजूद रहे।
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