दाता सिंह वाला में किया ठहराव
सच कहूँ/बिन्टू सिंह नरवाना। गेहूं सीजन के चलते किसान आंदोलन में किसानों की संख्या कम नजर आ रही थी, लेकिन बुधवार को पंजाब से हजारों किसानों के जत्था फिर से दिल्ली की तरफ जाते देखा गया। जानकारी के अनुसार हरियाणा-पंजाब बार्डर पर पंजाब के हजारों किसान एकत्रित हुए और फिर दिल्ली की ओर कूच किया।
उससे पहले किसानों ने दाता सिंह वाला बार्डर पर गांव के गुरूद्वारे में लंगर खाया और पंजाब-हरियाणा भाईचारे का समर्थन किया। इन किसानों में गुरतेज, मान सिंह, भूपेन्द्र सिंह, राजविन्द्र आदि ने कहा कि गेहूं के सीजन के चलते किसान और मजदूर खेतों में व्यस्त थे। लेकिन सरकार ने इस व्यवस्तता को किसान आंदोलन की कमजोरी मान लिया। किसानों ने कहा कि सरकार के ऑपरेशन क्लीन को मुंह तोड़ जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करे, ताकि किसान वापिस अपने घरों को लौट सकें।
किसानों ने कहा कि सरकार अब दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की फ़िक्र करने की बात कहकर उनका कोरोना टैस्ट करवाने की तैयारी कर रही है। लेकिन देश का किसान सरकार से पूछता है कि जब जमा देने वाली ठंड के कारण सैकड़ों किसान शहीद हुए तब सरकार को उनकी फ़िक्र नहीं हुई। किसानों ने कहा कि एक बार फिर कोरोना का बहाना बनाकर देश की जनता को परेशान कर रही है। हरियाणा के रास्ते दिल्ली कूच करने वाले किसानों ने बुधवार को दाता सिंह वाला गांव के गुरूद्वारे में ठहराव किया। यहां किसानों के लिए लंगर सेवा शुरू कर दी गई है।
कोरोना जांच व वैक्सीनेशन से किसानों का इन्कार
कृषि कानूनों को रद्द कराए जाने को लेकर दिल्ली के बॉर्डरों पर बैठे किसानों की कोरोना जांच व वैक्सिनेशन के लिए जहां सरकार ने संबंधित प्रशासन को आदेश दिए हैं। वहीं आंदोलनरत किसानों ने भी इन्हीं आदेशों पर अपना दो टूक जवाब देते हुए स्पष्ट कहा है कि वह किसी भी सूरत में न तो कोरोना की जांच कराएंगे और न ही वैक्सीन का टीका लगवाएंगे। बुधवार को किसानों ने बहादुरगढ़ के पकौड़ा चौक पर गदर पार्टी का स्थापना दिवस मनाया।
भाकियू उग्राहा नेता बोले : कोरोना एक आम बीमारी
इसी दौरान मीडिया के रूबरू हुए भारतीय किसान यूनियन उग्राहा के जोगेन्द्र सिंह ने कहा कि कोरोना एक आम बीमारी है। उन्होंने कहा कि किसान जब भी बीमार हुआ है तो वह बूटी लेने से ही ठीक हो जाता है। लेकिन सरकार किसानों की चिंता न करे। क्योंकि किसानों की देखभाल के लिए पंजाब व हरियाणा के डाक्टर मौजूद हैं, जोकि पूरी तरह से किसानों की सेहत का ध्यान रख रहे हैं।
सरकार को यदि चिंता करनी है तो कृषि संबंधी काले कानून रद्द करे, तभी माना जाएगा कि सरकार किसानों की सच्ची हितैषी है। उन्होंने यह भी कहा कि बेशक सरकार लॉकडाउन लगाकर देख ले, लॉकडाउन से कोई फायदा होने वाला नहीं है। किसान नेताओं ने इस मौके पर दावा किया कि दिल्ली के सभी मोर्चों पर अब किसानों की भारी तादाद बढ़ने वाली है।
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