प्रदर्शन के दौरान हार्ट अटैक से एक किसान को मौत
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टिकरी व सिंघु बॉर्डर के साथ अब हिसार में भी चलेगा आंदोलन : राकेश टिकैत
सच कहूँ/संदीप सिंहमार, हिसार। किसानों पर दर्ज मुकदमे खारिज करवाने की मांग को लेकर हिसार के क्रांतिमान पार्क में जुटे हजारों किसानों ने प्रदर्शन करते हुए आयुक्त कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान प्रदर्शन में आए उगालन गांव निवासी एक किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई। प्रदर्शन में शामिल किसान नेताओं ने मृतक किसान को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि किसान का अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ किया जाएगा।
इससे पहले अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार किसानों ने रामायण टोल प्लाजा, चौधरीवास, बाडो पट्टी व लांधड़ी टोल प्लाजा पर सुबह ही एकत्रित होना शुरू कर दिया था। उसके बाद पूरे काफिले के साथ किसानों ने चारों दिशाओं से हिसार में घेराव करना शुरू कर दिया। वहीं दूसरी तरफ किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए हिसार में सभी चौराहों पर रैपिड एक्शन फोर्स व हरियाणा पुलिस आर्म्ड फोर्स के जवानों सहित 7 जिलों के पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।
बातचीत का न्योता ठुकराकर दिखाई ताकत
प्रदर्शन से पहले भी आयुक्त कार्यालय की तरफ से किसानों के पास बातचीत का न्योता भेजा गया था। लेकिन किसानों ने अस्वीकार करते हुए लघु सचिवालय स्थित आयुक्त कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान किसानों ने हिसार प्रशासन सहित सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि 16 मई को हिसार के आईजी व जिला प्रशासन के साथ हुई बातचीत में किसानों को रिहा करने के साथ-साथ किसी भी प्रकार का मुकदमा दर्ज न करने की बात कही गई थी, जबकि प्रशासन ने अपना वादा तोड़ते हुए सैकड़ों किसानों पर विभिन्न संगीन धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए।
मुकदमे खारिज करवाकर ही वापिस जाएंगे किसान : टिकैत
इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान मुकदमा खारिज करवा कर ही हिसाब से वापस जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पुलिस व किसानों की भीड़ इकट्ठा करने के लिए हरियाणा सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। टिकैत ने कहा कि टिकरी व सिंघु बॉर्डर के बाद हिसार में भी आंदोलन का मोर्चा चलाया जाएगा। दिल्ली बॉर्डर पर जहां तीन कृषि कानून रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है तो हिसार में मुकदमे खारिज करने की मांग को लेकर आंदोलन चलेगा।
उन्होंने कहा कि चाहे महीना या इससे भी ज्यादा समय लग जाए, लेकिन किसान हिसार से वापिस तभी जाएंगे, जब किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमे खारिज कर दिए जाएंगे। उन्होंने सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि केन्द्र कृषि कानून वापस लेने को तैयार नहीं है और हरियाणा सरकार मुकदमे वापस लेने को तैयार नहीं। इसलिए आंदोलन का एक मोर्चा हिसार में भी गाड़ दिया गया है।
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हरियाणा का किसान सरकार से डरने वाला नहीं : चढूनी
भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हरियाणा का किसान सरकार से डरने वाला नहीं है। सरकार की वादाखिलाफी का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए किसान तैयार था व आगे भी रहेगा।
क्या है पूरा मामला
ज्ञात रहे कि 16 मई को हिसार में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल 500 बेड के अस्थाई कोविड अस्पताल का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री का विरोध करने आए किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। किसानों व पुलिस के बीच हुई झड़प में किसान व पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसी दिन किसानों ने गिरफ्तार किए गए किसानों को रिहा करवाने पर मुकदमे खारिज करवाने की मांग को लेकर आईजी कार्यालय पर धरना भी दिया था।
किसान प्रतिनिधिमंडल की आयुक्त सहित जिला प्रशासन से वार्ता होने के बाद गिरफ्तार किए गए किसानों को तो रिहा कर दिया गया था, लेकिन एक दिन बाद सैकड़ों किसानों के खिलाफ हत्या प्रयास सहित विभिन्न संगीन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसी बात से खफा होकर सोमवार को हजारों किसानों ने आयुक्त कार्यालय का घेराव कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।
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