पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने एक संक्षिप्त संदेश में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. विजय सिंगला के एक प्रतिशत कमीशन मांगने जैसे भ्रष्टाचार के मामले का न केवल खुलासा किया बल्कि मंत्री को बर्खास्त कर उन पर पुलिस कार्रवाई के आदेश भी दिए। मुख्यमंत्री मान ने अपने संदेश में स्पष्ट एवं कड़े शब्दों में कहा कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करने वाली। अन्ना हजारे के द्वारा चलाए भ्रष्टाचार खत्म करने के आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी एवं इसके सुप्रीमों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले दिन से ही यह संकल्प लेकर राजनीति कर रहे हैं कि वह भ्रष्टाचार का समूल नाश करेंगे।
दिल्ली में जब आम आदमी की सरकार बनी थी तब केजरीवाल ने आमजन को बेफिक्र करते हुए कहा कि आप भ्रष्टाचारियों, हफ्ता वसूलने वालों की खुलकर शिकायतें करें हम कार्रवाई करेंगे इतना ही नहीं उन्होंने तब दिल्ली प्रशासन में भी यही संदेश दिया कि अब वो आमजन को बेमतलब दफ्तरों के चक्कर न लगवाएं, व्यापारियों, दुकानदारों, रेहड़ी-टेक्सी वालों व आमजन को भ्रष्टाचार के विरुद्ध लामबद्ध करते हुए भ्रष्टाचार नियंत्रण हेतु हेल्पलाइन नंबर जारी किया एवं भ्रष्टाचार की श्किायत सीधे मुख्यमंत्री को करने के लिए कहा।
नतीजतन दिल्ली में संस्थागत हो चुका सरकारी भ्रष्टाचार चंद दिनों में ही गायब हो गया। दिल्ली की तरह ही पंजाब में लोगों ने आम आदमी पार्टी को चुना। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शपथ लेने के बाद 23 मार्च को भ्रष्टाचार रोकने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया और पंजाब से अपील की गई कि वह भ्रष्टाचारियों के काले कामों को आडियो या वीडियो के रूप में मुख्यमंत्री तक पहुंचाएं, उस पर तुरंत कार्रवाई होगी। शुरुआत में लोगों ने समझा शायद यह एक सरकारी खानापूर्ति है लेकिन पहले ही सप्ताह में पुलिस प्रशासन, सिविल प्रशासन के कर्मचारियों एवं अधिकारियों पर जो भ्रष्टाचार को छोड़ना नहीं चाह रहे थे पर कार्रवाई की खबरें आने लगी।
फिर भी राजनीतिक एवं सरकार में उच्च पदों पर बैठे लोगों को यह भ्रम था कि यह महज लोकप्रियता की खातिर छोटे लोगों पर ही होगा, उन्हें शायद नहीं छेड़ा जाएगा परन्तु स्वास्थ्य मंत्री के भ्रष्टाचार में लिप्त मिलने पर मुख्यमंत्री ने जिस तेजी से कार्रवाई की है इससे शायद सरकार में बैठे विधायकों, मंत्रियों एवं आम प्रशासन को अक्ल आ जानी चाहिए कि आम आदमी पार्टी महज सत्ता का बदलाव भर नहीं है यह इससे भी कहीं बड़ा बदलाव है जो पहले दिल्ली व अब पंजाब लेकर आया है। भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार पहले की सरकारें आजादी के पहले दिन से ही कर सकतीं थी परन्तु देश में कांग्रेस, क्षेत्रीय दल या इनकी गठबंधन सरकारों में भ्रष्टाचार दिन प्रतिदिन बढ़ता ही रहा। दिल्ली-पंजाब ही नहीं पूरा देश बेहद उपजाऊ, कार्यशील, मेहनती है, भारत बहुत पहले ही दुनिया के विकसित देशों की बराबरी कर चुका होता अगर यहां सरकारी स्तर से लेकर आमजन तक भ्रष्टाचार को बर्दाश्त ना किया जाता।
देश की आजादी के बाद यह चौथी पीढ़ी है जो अब भविष्य के भारत को भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने की राह चल पड़ी है। सबसे बड़ी बात इस बदलाव का श्रेय अरविंद केजरीवाल एवं भगवंत मान जैसे मुख्यमंत्रियों एवं नेताओं को जाएगा। देश के हाथ में बहुत कुछ है, अगर वह अच्छे नेता चुन लेता है तब धरातल पर उम्मीद से ज्यादा अच्छापन वह उतार सकता है। नि:संदेह भ्रष्टाचार, आर्थिक ही नहीं सामाजिक तौर पर भी देश को खोखला कर रहा है, इसे रोकने के लिए जो भी कर्मचारी, अधिकारी, आम आदमी एवं नेता रोकने की कोशिश कर रहा है तो उसका खुलकर साथ दिया जाना चाहिए।
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