Haryana News: चौपटा (भगत सिंह)। हरियाणा के सिरसा जिले के गांव गुड़िया खेड़ा में समाज को जागरूक करने वाला एक ऐतिहासिक विवाह हुआ। यह विवाह न केवल अपनी सादगी के लिए बल्कि दहेज प्रथा के खिलाफ दिए गए संदेश के लिए भी चर्चा में है। इस विवाह में हर्ष (विष्णु), पुत्र पवन गोदारा, ने केवल नारियल और 1 रुपये में अपनी शादी संपन्न करके समाज को एक नई दिशा दी। इस कदम ने ना सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र में बल्कि पूरे राज्य में एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया।
सोमवार रात, हर्ष की बारात पूरे उत्साह और परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ दुल्हन कोमिला, पुत्री भूप सिंह हुड्डा, के घर पहुंची। शादी में दुल्हन के परिवार ने परंपरा अनुसार टीके में 4 लाख 21 हजार रुपये की पेशकश की थी। लेकिन हर्ष और उनके परिवार ने इसे सख्ती से ठुकरा दिया और प्रतीकात्मक रूप में सिर्फ नारियल और 1 रुपये स्वीकार किए।
दहेज मुक्त विवाह का संदेश | Haryana News
हर्ष के चाचा विनोद गोदारा (सेना से सेवानिवृत्त) ने कहा, “यह विवाह समाज को संदेश देता है कि बेटी का सम्मान किसी भी दहेज से बढ़कर है।” उन्होंने दहेज प्रथा को सामाजिक बुराई करार देते हुए इसे जड़ से खत्म करने की अपील की।
दुल्हन पक्ष की सराहना
दुल्हन पक्ष ने एक अनूठे दहेज रहित विवाह की सराहना करते हुए इसे समाज सुधार की दिशा में ऐतिहासिक पहल करार दिया। दुल्हन के भाई सुभाष हुड्डा (पंचायत समिति के सदस्य प्रतिनिधि) ने इस अवसर पर कहा, “यह विवाह दहेज प्रथा के उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे प्रयास समाज को एक नई दिशा देंगे और लोगों को दहेज जैसी सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने के लिए प्रेरित करेंगे। हुड्डा ने इस विवाह को एक उदाहरण बताते हुए कहा कि यदि समाज इस संदेश को अपनाए, तो दहेज प्रथा को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
समाज के लिए मिसाल
इस विवाह ने गांव और आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना दिया है। हर्ष और उनके परिवार का यह कदम दहेज प्रथा के खिलाफ लड़ाई में एक मिसाल बन सकता है।
शादी में कई सम्मानित ग्रामीण उपस्थित थे, जिनमें शीशपाल हुड्डा, भूप सिंह हुड्डा, रामसिंह हुड्डा, दुनिराम हुड्डा, रोताश हुड्डा, भानसिंह भादू, सुरजीत भादू, रणधीर भादू, बलजीत भादू, वीर भादू, रवींद्र मारू, रवीश मारू, डॉ. गार सिंह गोदारा, दलीप सिंह गोदारा महाबीर सहारण, राजबीर सहारण, संदीप सहारण, रमेश सहारण, दिनेश सहारण, रजनीश, विनोद दुसाद, शामिल थे। इस पहल ने दहेज प्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया है और समाज में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जगाई है।