विश्व मौसम संगठन का अलर्ट जारी
हिसार (सच कहूँ/संदीप सिंहमार)। ग्लोबल वार्मिंग, अर्थात वैश्विक तापमान में लगातार बढ़ोतरी, एक गंभीर समस्या है। जिसका असर सम्पूर्ण विश्व में देखने को मिल रहा है। भारत गर्मी के दर्द से अछूता नहीं है। विश्व मौसम संगठन के मौसम बुलेटिन के अनुसार पूरे विश्व में गर्मी के दिनों की संख्या में इजाफा हुआ है। Earth Heatwave News
डब्ल्यूएमओ की रिपोर्ट के अनुसार मौसम का संतुलन इस कदर बढ़ चुका है की गर्मी के दोनों में 41 दिनों की बढ़ोतरी हो चुकी है,जो पूर्व विश्व के लिए चिंतन का विषय है। जलवायु परिवर्तन के चलते पृथ्वी का औसत तापमान निरंतर बढ़ रहा है, और इसका प्रभाव विभिन्न मौसमों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। भारत मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार भी राजस्थान के फलौदी में पिछले वर्ष गर्मियों में अधिकतम तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक पहुंच गया था। इस बार भी कुछ ऐसा ही होने वाला है।
बिगड़ते मौसम के लिए मानव जनित गतिविधियां जिम्मेदार | Earth Heatwave News
ग्लोबल वार्मिंग के कई कारण हैं, जिनमें मानव जनित गतिविधियाँ प्रमुख हैं। जीवाश्म ईंधनों का अत्यधिक उपयोग, औद्योगिक गतिविधियाँ, और वनों की कटाई जैसे कारण वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा को बढ़ाते हैं। ये गैसें सूर्य की गर्मी को धरती की सतह पर फँसा देती हैं, जिससे तापमान में वृद्धि होती है। भारत में, गर्मी के मौसम में वृद्धि के स्पष्ट संकेत देखने को मिल रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में, भारत के विभिन्न हिस्सों में भयावह तापमान रिकार्ड किए गए हैं। यह स्थिति न केवल लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल रही है, बल्कि कृषि, जल संसाधनों और पारिस्थितिकी पर भी असर डाल रही है। किसानों को अपने फसलों की उगाई में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, और जल संकट भी गहराता जा रहा है। Earth Heatwave News
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