Haryana Railway News: खरखौदा सच कहूं /हेमंत कुमार। हरियाणा राज्य की परिवहन सरंचना में एक नई शुरूआत की गई हैं। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते ट्रैफिक के दबाव को कम करने के लिए और यात्रियों को एक बेहतर यातायात सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में हरियाणा आॅर्बिटल रेल कॉरिडोर नींव रखी गई हैं, इस परियोजना के जरिए न केवल ट्रैफिक का बोझ कम होगा, बल्कि राज्य के औद्योगिक विकास को भी एक नई दिशा मिलेगी।
हरियाणा आॅर्बिटल रेल कॉरिडोर को विशेषताएं | Haryana Railway News
हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा पलवल से मानेसर होते हुए सोनीपत तक विकसित की जा रही हैं, इस रेलवे लाइन का मुख्य उद्देश्य राज्य के महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों को जोड़ना हैं। इस 120 किलोमीटर से अधिक लंबी रेलवे लाइन पर लगभग 5700 करोड़ रुपये की लागत आएगी, इस परियोजना की खासियत यह हैं, कि यह कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे के समानांतर बनाई जा रही हैं, जो विभिन्न मोड के परिवहन सिस्टम को एकीकृत करने में मदद करेगी।
रेलवे लाइन के प्रमुख स्टेशन और फायदे
रेल कॉरिडोर में निम्नलिखित स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। तुर्कपुर, खरखौदा, जसौर खेड़ी, मांडौठी, बादली, देवरखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, पचगांव, आईएमटी मानेसर, चंदला डूंगरवास, धुलावट, सोहना, सिलानी, न्यू पलवल, इन स्टेशनों के माध्यम से हरियाणा के पांच महत्वपूर्ण जिले पलवल, ग्ररुग्राम, नूंह, झज्जर और सोनीपत इस रेलवे लाइन से जुड़ जाएंगे, इससे इन जिलों के निवासियों को न केवल यात्रा में सुविधा होगी, बल्कि इन क्षेत्रों में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियां भी तेजी से बढेगी।
पर्यावरणीय प्रभाव और स्थायी विकास
एचओआरसी परियोजना न केवल परिवहन की दक्षता को बढ़ावा देगी, बल्कि यह स्थायी विकास के लिए भी एक कदम हैं, इस रेलवे लाइन के निर्माण से क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण में कमी आएगी, क्योंकि यातायात के निचले स्तर के कारण वाहनों की संख्या कम होगी और वायु गुणवत्ता में सुधार होगा, इस प्रोजेक्ट से ऊर्जा की खपत कम होगी और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन भी न्यूनतम होगा।