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Rajasthan New Highway:जयपुर। आने वाले समय में राजस्थान सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे वाला प्रदेश बन जाएगा, इसके बाद प्रदेश के जिलों का आपस में व्यापार भी मजबूत होगा और कम समय में वाहन और माल को भी पहुंचाया जा सकेगा। दरअसल राजस्थान में एक्सप्रेसवे को लेकर रूपरेखा तैयार की जा रही हैं, पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने राजस्थान में 8 नए एक्सप्रेसवे बनाने को लेकर घोषणा की थी, इन सभी की दूरी लगभग 2500 किलोमीटर से ज्यादा होगी, इसी कड़ी में जयपुर से भीलवाड़ा और भरतपुर ब्यावर ग्रीन फील्ड एक्सकप्रेसवे की DPR बनाने को लेकर राज्य की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने अभी हाल ही में मंजूरी दे दी हैं।
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जयपुर-भीलवाड़ा एक्सप्रेसवे का इन 5 जिलों को होगा फायदा | Rajasthan New Highway
फिलहाल में एक्सप्रेसवे की डीपीआर तैयार की जा रही हैं, आने वाले कुछ और महीनों में इनका निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा, इन एक्सप्रेसवे के बन जाने से प्रदेश में औद्योगिक विकास को चार चांद लग जाएंगे। जयपुर से भीलवाड़ा ग्रीन फिल्ड एक्सप्रेसवे की लंबाई 193 किलोमीटर होगी। वहीं सीधे तौर पर इस जयपुर से भीलवाड़ा एक्सप्रेसवे का फायदा 5 जिलों को मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे राजस्थान में एक नेशनल हाईवे और 6 स्टेट हाईवे को आपस में कनेक्ट करेगा, इस एक्सप्रेसवे पर 17 छोटे पुल और 17 एचएलबी बनाएं जाएंगे, साथ ही छह बड़े फ्लावर भी बनाना प्रस्तावित हैं। वहीं प्रदेश में इस एक्सप्रेसवे के लिए 1717 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। वहीं कई रिपोर्ट में ये भी बताया जा रहा हैं कि अब इस जमीन की कीमत लगभग 1423 करोड़ रुपए होगी।
ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेसवे 342 किलोमीटर लंबा | Rajasthan New Highway
जयपुर और भीलवाड़ा एक्सप्रेसवे इन दोनों शहरों की दूरी 13 किलोमीटर घटा देगा, साथ ही बेहतर मार्ग होने के कारण यात्रा का 2 घंटे का समय रह जाएगा, इसके अलावा दूसरा ब्यावर-भरतपुर एक्स्प्रेसवे 342 किलोमीटर लंबा होगा, जिसको बनाने में 14010 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। यह एक्सप्रेसवे जयपुर के सफल को टालकर उत्तर प्रदेश के मथुरा वृंदावन और गुजरात पहुंचने में मदद करेगा। सीध रूट बन जाने से दूरी कम होगी और अच्छा सफल होने से जल्दी भी रास्ता तय कर सकेंगे।
जयपुर से भीलवाड़ा और भरतपुर से ब्यावर एक्सप्रेसवे राजस्थान के जिन जिलों या शहरों या तहसील से गुजरेंगे, वहां पर औद्योगिक इकाइयों लगने की संभावना बढ़ जाती हैं, जिससे प्रदेश में युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। इन औद्योगिक इकाइयों के जरिए प्रदेश का विकास भी मजबूत होगा और यहां बड़ी-बड़ी कंपनियां निवेश करेगी, क्योंकि उनको अन्य राज्यों में राजस्थान से माल ढुलाई में आसानी होगी।