फिरोजाबाद/नई दिल्ली। सुहागनगरी फिरोजाबाद में रविवार को नशे सहित सामाजिक कुरीतियों को उखाड़ फेंकने के लिए एक साथ लाखों लोगों ने अनूठा संकल्प लिया। इसके साथ ही अपने मुर्शिद -ए-कामिल पूज्य गुरु संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के प्रति समर्पण, अटूट श्रद्धा और विश्वास का संगम भी देखने को मिला।
अवसर था फिरोजाबाद के मक्खनपुर स्थित नई बस्ती नवादा, पल्लवी कोल्ड मैदान और दिल्ली के जापानी पार्क में आयोजित डेरा सच्चा सौदा के दूसरे गद्दीनशीन पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज के पावन महा रहमोकर्म माह के ‘एमएसजी भंडारा’ कार्यक्रम का। जिसमें उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड राज्यों से बड़ी संख्या में पहुंचे डेरा अनुयायियों के समक्ष किए गए सारे प्रबंध छोटे पड़ गए और रूहानी सत्संग कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही पूरा पंडाल साध-संगत से खचाखच भर गया।
समाज सेवा के क्षेत्र में डेरा सच्चा सौदा बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। आज यहां आकर बहुत खुशी हो रही है। आज के इस कार्यक्रम से युवाओं में जागृति पैदा होगी और वे नशों से दूर होंगे। गुरु जी देश के लिए यह बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं।
विधायक मुकेश वर्मा
सत्संग कार्यक्रम में आए बिजनेसमैन सुरेंद्र ने कहा कि पूज्य गुरूजी को सुनने से अनेक खुशियां मिलती हैं। उनके प्रवचन प्रभावी होते हैं। समाज को संदेश देने वाले प्रवचनों से वे समाज को सुधारने का काम कर रहे हैं। गुरूजी की इस मुहिम में हर किसी को शामिल होना चाहिए, ताकि समाज से नशा व अन्य बुराइयों को खत्म किया जा सके।
गुरूजी की शिक्षाएं महत्वपूर्ण: जयभगवान गर्ग
बिजनेसमैन जय भगवान गर्ग ने एकाग्रचित होकर सत्संग कार्यक्रम सुनने के बाद कहा कि गुरूजी अच्छी शिक्षा देते हैं। काफी साल से वे गुरूजी का सत्संग सुनते आ रहे हैं। उनके हर शब्द में एक गहरा अर्थ और ज्ञान होता है। इसी ज्ञान को हमें अपने जीवन में शामिल करके समाज के लिए कुछ करना चाहिए।
समाज में बदलाव ला रहे हैं गुरूजी: अशोक कंसल
सत्संग में पहुंचे अखिल भारतीय अग्रवाल महासम्मेलन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अशोक कंसल ने कहा कि पूज्य गुरू जी समाज में बदलाव करते हैं। गुरूजी के वचनों से समाज काफी बदला है और भी बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक नई संगत को भी गुरूजी का आशीर्वाद मिलता रहे, इसलिए लोगों को गुरूजी से जोड़ना जरूरी है।
बैंड-बाजों की धुन पर नाचते-गाते सत्संग में पहुंची संगत
दिल्ली में भंडारे की खुशी का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जापानी पार्क में पहुंचने वाली संगत बैंड-बाजे, ढोल, चिमटा, नगाड़े की थाप पर नाच-गाकर खुशियां मना रही थी। क्या बच्चे, क्या बुजुर्ग, क्या नौजवान, सभी खुशी से सराबोर थे। एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियां मना रहे थे। कई महिलाएं सिर पर मंगल कलश लेकर भी भंडारे में पहुंची। पूज्य गुरूजी ने भी बरनावा आश्रम से आॅनलाइन देखकर मंगल कलश की भी सराहना की।
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