धनतेरस पर खरीददारी नहीं, बल्कि योग करो, अच्छे कर्म करो
बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से तीज-त्यौहारों का सही अर्थ समझाते हुए फरमाया कि आज लोगों ने त्यौहारों को मनाने का तरीका ही बदल दिया है। पूज्य गुरु जी ने धनतेरस पर्व का लेकर फरमाया कि इस दिन हमने सुना है कि लोग कहते हैं कि इसमें सोना खरीद लो, गाड़ियां खरीद लो, चांदी खरीद लो, यहां कोई सुनार भाई बैठे हो तो बुरा मत मानना, सच्ची बात कड़वी होती है, जहां तक हमने पढ़ा, धनतेरस के दिन तो योगा करो, देवी-देवताओं की पूजा करो, ताकि आपके घर में स्वच्छता आए, आपके घरों में तंदुरुस्ती आए। पर ये सोने वाला कहां से निकल पड़ा, ये बर्तन खरीद के लाओ। सारी दुनियां दुकानों पर खड़ी होती है। और जिन्होंने वो खरीदा, कोई फायदा हुआ, कोई बताएगा।
कितना फायदा हुआ, धनतेरस के दिन खरीदने के बाद। सोने ने तो अपने हिसाब से, या सोच लो अपना जो बजट है उसके अनुसार उपर-नीचे होना है, आप की इन चीजों से तो होना नहीं। तो जो धनवंतरी जी देवता थे, उनके लिए ये धनतेरस का दिन रखा गया था, जहां तक हमें पता है। तो वो एक कला के देवता है, तो उस दिन आप योगा कीजिये, अच्छे कर्म कीजिये।
पूज्य गुरु जी ने मीडिया को दिखाया आईना
धनतेरस के दिन बहनों की डिमांड, मुझे तो सोने का हार खरीदना है
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि धनतेरस के दिन बहनें की अपनी डिमांड होती है, उस दिन तो सोना खरीदना चाहिये। पत्नी बेचारा क्या करे, उनके लिए खरीदते हैं, बहनें कहती है, आज धनतेरस हैं मुझे तो हार चाहिये, अभी करवा चौथ गया नहीं, उससे पती बेचारा उभरा नहीं, तो इस पर रोक क्यो नहीं है। आप रखो करवा चौथ, देखते हैं कितनी बहनें रख सकती है। सही करवा चौथ क्या है, रात के 12 बजे के बाद नॉरमल पानी पर रहना, अगले दिन 12 बजे तक, चाहे चंद्रमा में पति को देख लो, 24 घंटे का व्रत रखना है, रख के दिखाओ, सवाल ही पैदा नहीं होता, आम आदमी की सैलरी तो आंधी सुबह चली जाती है और आधी रात को। और पत्नी डरवा देती है कि देख ले तेरी लंबी उम्र के लिए है। वो पति बेचारा चुप हो जाता है उसे लगता है कि अगर व्रत न रखा तो कहीं मेरा बेड़ा ही पार न हो जाए।
आपने धर्मों के तीज, त्यौहारों को मजाक बना रखा है: पूज्य गुरु जी
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आज हमारी बुजुर्ग माता-बहनें तो बैठी हैं, पर बुजुर्ग भाई कबके रवाना हो लिये। तो ये जो व्रत रखा था, उन्हें भेजने के लिए रखा था, या रोकने के लिए। क्यों कि हमनें जहां तक देखा है कि राजस्थान, हरियाण, पंजाब इस क्षेत्रों में बहनें तो बैठी हुई है और पति महोदय कब के पार हो गए। तो हमारा यहां बताने, कहने का मतलब ये है कि आपने हमारे धर्मों के उन तीज, त्यौहारों को जो सार्इंस से भी बढ़कर है, महा विज्ञान है आपने मजाक बना रखा है। अगर आप व्रत रखों तो रात के 12 बजे से शुरू करो, गुनगुने पानी पर रहो, 24 घंटे और जब व्रत तोड़ा तो बिल्कुल हलका भोजन लो, ताकि अंतड़ियां जो खाली है वो आराम करें, आपने 24 घंटे कुछ नहीं खाना, तो अंतड़ियां बिल्कुल साफ हो जाएंगी, पानी पीते रहोगे तो जो भी हमारे शरीर में जहरीले तत्व है वो पेशाब के रास्ते, साफ हो जाएंगे, और घर की देवी प्रसन्न तो सारा घर प्रसन्न। क्यों कि वो तंदुरूस्त रहेगी, खुश रहेगी तो खाना अच्छा बनाएगी, खुश होकर बनाएगी, तो खाने वाला भी खुश होगा। तो इसलिए हमारे तीज त्यौहार बने थे। पर आज कल तो बात ही कुछ ओर है। महानगरों में तो गड़बड़ ओर भी ज्यादा है, वो तला हुआ इतना ठोक लेती हैं, कि अलगे दिन हॉस्टिपल में गिनती कर लेना की, कितनी गिनती बहनें पड़ी होती है।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।
Right papa ji