
Haryana Railway News: जींद, गुलशन। देश में पहली बार हाइड्रोजन गैस से चलने वाली ट्रेन की शुरुआत होने जा रही है, और इसकी तैयारियां अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। जींद में बन रहा हाइड्रोजन गैस प्लांट अगले दो महीनों में पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन जींद से सोनीपत के बीच पटरी पर दौड़ती नजर आएगी। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक वर्मा ने जींद रेलवे स्टेशन और निर्माणाधीन हाइड्रोजन प्लांट का दौरा करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्लांट का निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है और इसे बनाने वाली कंपनी सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रख रही है। चेन्नई में इस ट्रेन का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और उम्मीद है कि दो महीनों में ट्रेन भी जींद पहुंच जाएगी।
प्लांट तैयार होते ही शुरू होगा ट्रायल रन | Haryana Railway News
हाइड्रोजन प्लांट जैसे ही बनकर तैयार होगा, तुरंत बाद हाइड्रोजन ट्रेन का ट्रायल रन शुरू कर दिया जाएगा। सफलता पूर्वक परीक्षण के बाद यह ट्रेन आम जनता के लिए शुरू की जाएगी। यह कदम भारतीय रेलवे के लिए एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि साबित होगा और देश में हरित ऊर्जा के इस्तेमाल की दिशा में एक नया अध्याय खोलेगा।
रेलवे स्टेशन में होंगे कई विकास कार्य
जींद रेलवे स्टेशन पर निरीक्षण के दौरान अशोक वर्मा ने स्टेशन से जुड़ी कई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं। उन्होंने जानकारी दी कि स्टेशन पर स्थित वाशिंग लाइन, जो वर्तमान में 17 कोच तक सीमित है, उसे बढ़ाकर 23 कोच तक किया जाएगा। इस दिशा में आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश उन्होंने संबंधित अधिकारियों को दे दिए हैं।
फुट ओवरब्रिज और प्लेटफार्म जोड़ने का कार्य भी प्रगति पर
जींद रेलवे जंक्शन के जीर्णोद्धार का कार्य भी तेजी से चल रहा है और इसे अगस्त या सितंबर तक पूरा करने की योजना है। फिलहाल प्लेटफार्म नंबर एक और दो को जोड़ने के लिए फुट ओवरब्रिज का कार्य जारी है, जो जल्द ही पूरा हो जाएगा। फुट ओवरब्रिज के लोको साइड या बाहर की तरफ विस्तार के सवाल पर जीएम ने कहा कि वर्तमान में इसकी आवश्यकता नहीं है, क्योंकि स्टेशन पर फिलहाल केवल दो ही प्लेटफार्म हैं और दोनों को आपस में जोड़ने का काम हो रहा है।
रेलवे कर्मचारियों की समस्याएं भी सुनी गईं
अपने दौरे के दौरान महाप्रबंधक ने रेलवे कर्मचारियों की समस्याएं भी सुनीं और उन्हें शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि रेलवे केवल ट्रेनों और स्टेशनों के विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि कर्मचारियों की सुविधा और कार्यस्थितियों का सुधार भी हमारी प्राथमिकता है।
हाइड्रोजन गैस प्लांट और इससे जुड़ी ट्रेन सेवा की शुरुआत भारत के लिए एक ऐतिहासिक पहल है। जींद इस नई तकनीक का गवाह बनने जा रहा है, जो न केवल पर्यावरण के लिहाज़ से लाभकारी है, बल्कि रेलवे की आत्मनिर्भरता और ऊर्जा विविधता की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।