आर्थिक मोर्चे पर भारत के नाम रहेगी यह सदी, 2047 तक बनेगा सुपर पावर: कांत

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New Delhi : आर्थिक मोर्चे पर भारत के नाम रहेगी यह सदी, 2047 तक बनेगा सुपर पावर: कांत

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। New Delhi: आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए एक के बाद एक लगातार अच्छी खबरें आ रही हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में देश की आर्थिक वृद्धि आठ फीसद से ऊपर रहने और राजकोषीय घाटे में सुधार से आर्थिक विशेषज्ञ हैरान हैं। इस बीच भारत के जी-20 शेरपा और सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि भारत अब दुनिया की महाशक्ति बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। अर्थव्यवस्था के विस्तार में डिजिटल अभियान क्रांतिकारी कदम साबित हो रहा है। साल 2047 तक भारत दुनिया की सुपर पावर बन जाएगा। यह सदी भारत के नाम रहेगी। New Delhi

कांत ने राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में आयकर विभाग के प्रधान आयुक्त प्रताप सिंह की किताब ‘इंडिया ओडिसी: फ्रॉम ए डेवलेपमेंट कंट्री टू एन इमर्जिंग सुपरपावर’ का विमोचन करते हुए कहा कि एक दशक पहले भारत 5 नाजुक अर्थव्यवस्थाओं में शुमार था। लेकिन आर्थिक सुधारों के जरिए यह महज पांच साल में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि 8.2 फीसद और राजकोषीय घाटा कम होकर जीडीपी के 5.6 फीसद पर आना भारत के विकास के लिए शुभ संकेत है। आज दुनिया भारत की ओर देख रही है।

उन्होंने कहा है कि अब दुनिया की शीर्ष एजेंसियां भारत के आर्थिक प्रदर्शन पर सकारात्मक रुख अपना रही हैं। आईएमएफ ने कहा है कि भारत अगले दशक में दुनिया की आर्थिक वृद्धि में करीब 20 फीसद का योगदान देगा। साल 2047 तक भारतीय अर्थव्यवस्था 35 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी। अगले पांच साल में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और तीसरा सबसे बड़ा शेयर बाजार बन जाएगा। विकास के इस सफर में डिजिटल पेमेंट प्रणाली अहम भूमिका निभा रही है। New Delhi

उन्होंने कहा कि आयकर विभाग के प्रधान आयुक्त प्रताप सिंह की “भारत का सफर: एक विकासशील देश से एक उभरती हुई महाशक्ति तक” पुस्तक नीति निमार्ताओं और विश्लेषकों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी। साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था, नीति और राजनीतिक अर्थव्यवस्था के छात्रों के लिए भी मददगार होगी। जो लोग भारत के आर्थिक इतिहास में रुचि रखते हैं और यह जानना चाहते हैं कि भारत दुनिया की महाशक्ति कैसे बन सकता। उन्हें यह पुस्तक जरूर पढ़नी चाहिए। इस पुस्तक में भारतीय अर्थव्यवस्था के पिछले तीन दशक के सफर को बहुत ही रोचक और आसान शब्दों में पिरोया गया है। New Delhi

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