तुमने चिड़ियाघर में किसी पानी के हौज में पूरी तरह डूबा, सारी दुनिया से बेपरवाह एक जानवर जरूर देखा होगा। पहली नजर में ऐसा लगता है जैसे पानी में एक मिट्टी का टीला उभरा हुआ हो। पर ध्यान से देखने पर तुम्हें टीले पर दो आंखें दिख जाएंगी। यही है, तुम्हारा प्यारा, पर दुनिया के सबसे सुस्त जानवरों में से एक, दरियाई घोड़ा। यह इस दुनिया में करीब लाखों वर्ष ईसा पूर्व से रह रहे हैं। ये मुख्य रूप से अफ्रीकी जानवर हैं। आज भी दुनिया में सवा से डेढ़ लाख तक हिप्पो बचे हुए हैं। मुख्य रूप से ये जांबिया व तंजानिया में देखने को मिलते हैं। पर चिड़ियाघरों की मेहरबानी से इन्हें अब दुनिया के किसी भी कोने में देखा जा सकता है। हाथी और गैंडे के बाद धरती पर यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा जानवर है। वजन में तो हिप्पो गैंडे को भी मात दे देते हैं। एक आम हिप्पो का वजन 1500 से 1800 किलोग्राम तक होता है, जबकि मादा का वजन उनसे करीब 300 किलोग्राम तक कम होता है। कई हिप्पो का वजन 3600 किलोग्राम तक पाया गया है। आम तौर पर हिप्पो की उम्र 40 से 50 वर्ष तक होती है।
हिप्पो पानी में रहना पसंद करते हैं। इसका एक मुख्य कारण इनके पैर हैं। इनके बाकी शरीर की तुलना में इनके पैर छोटे होते हैं। इसी कारण इन्हें चलने में ज्यादा आराम महसूस नहीं होता। पानी में ये तैरते से रहते हैं और इनका वजन इसमें आड़े नहीं आता। इनका शरीर बहुत चिकना होता है। शरीर पर प्राकृतिक सनस्क्रीन होती है, जो इन्हें सूरज की घातक किरणों से बचाती है। पानी में रहकर ये खुद को ज्यादा गर्मी में ठंडा रखते हैं। एक ग्रुप में 40 हिप्पो एक साथ रहते हैं। नदी का करीब 250 मीटर तक का इलाका एक समूह के पास होता है। मुख्य रूप से हिप्पो शाकाहारी होते हैं। पानी से बाहर आकर ये छोटी-छोटी घास खाना पसंद करते हैं। खाने के चक्कर में ये पानी से दूर तक भी चले जाते हैं। ये चार-पांच घंटों तक घास चरते हैं। इस दौरान ये 68 किलोग्राम तक घास चर जाते हैं और रात भर में पचा भी लेते हैं। सुबह सूरज निकलने से पहले ही ये पानी में लौट आते हैं। अन्य जीवों की तरह हिप्पो के लिए भी सबसे बड़ा खतरा मनुष्य ही है। दांत व मांस के लिए इनका खूब शिकार किया जाता है। इसके दांत तो हाथी के दांत से भी महंगे माने जाते हैं, क्योंकि समय के साथ इसके दांत पीले नहीं पड़ते, सफेद ही रहते हैं।
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