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Haryana Mausam: कुरुक्षेत्र | हिसार देवीलाल बारना, संदीप सिंहमार। उगते हुए सूरज का यह दृश्य कुरुक्षेत्र जिला के गांव बारना का है। जहां सूर्योदय हो रहा है व जोहड़ के पानी मे भी सूर्य का प्रतिबिम्ब नजर आ रहा है। वहीं पीछे बरगद का वृक्ष व मकान मनमोहक दृश्य बनाए हुए हैं। जैसे ही सोशल मीडिया पर ये फोटो अपलोड हुई, यूजर्स ने इस फोटों को खूब शेयर किया। और कॉमेंट बॉक्स में फोटों के बारे में अपने अपने ढंग से विचार व्यक्त किए।
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आइये अब जानते हैं हरियाणा के मौसम का हाल | Haryana Mausam
वेस्टर्न डिस्टरबेंस के प्रभाव के कारण हरियाणा और पंजाब के अधिकतर हिस्सों में हल्के से मध्यम स्तर की बारिश हुई। हरियाणा के जींद, कैथल व हिसार में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई। तेज हवाओं के साथ बारिश ओलावृष्टि से रात्रि के न्यूनतम तापमान व दिन के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज होने के साथ-साथ गेहूँ व सरसों की फसलों में नुकसान हुआ। वहीं शुक्रवार सुबह सरसा, फतेहाबाद और हिसार में कोहरे की चादर छा गई। बारिश व ओलावृष्टि से फसलों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए किसान सभा ने सरकार से जल्द से जल्द गिरदावरी करवाने की भी मांग की है। बारिश में ओलावृष्टि के कारण पंजाब के अमृतसर में न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया तो हरियाणा के सरसा में भी न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस बना रहा। इसके अलावा दिन के समय कम समय तक सूरज चमकने के कारण तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। मौसम बुलेटिन के अनुसार 24 फरवरी तक उत्तर और उत्तर-पश्चिमी दिशा से हल्की से मध्यम गति की हवाएँ चलने की संभावना है।
यह हवाएँ रात्रि के तापमान में हल्की गिरावट का कारण बन सकती हैं। इस प्रकार की हवाएँ न केवल मौसम को प्रभावित करती हैं, बल्कि फसलों के लिए भी महत्वपूर्ण होती हैं। 25 और 26 फरवरी के दौरान विकासशील पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से हवाओं में बदलाव आने की संभावना है। मौसम विभाग के चंडीगढ़ मौसम विज्ञान केंद्र की वेधशाला में दर्ज रिकार्ड के अनुसार हरियाणा में सबसे अधिक बारिश जींद जिले में 34.4 एमएम दर्ज की गई। जींद जिला ही एकमात्र ऐसा जिला है, जहां सबसे ज्यादा ओलावृष्टि भी हुई। नरवाना, उचाना, जींद तथा पिल्लूखेड़ा में बारिश के साथ ओले पड़े। नरवाना के दातासिंहवाला, उझाना, बेलरखां, भाणा ब्राह्मणान, नेपेवाला, सिंघवाल, खरकभूरा, उचाना, बड़ौदा, घोघड़ियां, कहसून, खटकड़, झांझ, बड़ौदी, अहिरका, जींद, मोरखी, लुदाना मालश्री खेड़ा समेत 30 से ज्यादा गाँवों में ओलों की सफेद चादर बिछ गई। करीब 10 से 15 मिनट तक आसमान से केवल ओले ही बरसे। इसके बाद बारिश शुरू हो गई। ओलावृष्टि से सरसों की फसल पर आया फल झड़ गया है।
करीब 20 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से हवा चली। जिन किसानों ने गेहूं की फसल में पिछले दो-तीन दिनों के दौरान सिंचाई की है, वो फसल तेज हवा चलने की वजह से गिर गई है। फसल गिरने से पैदावार घटने की आशंका बढ़ गई। जिले में करीब 2.15 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल है। इसी प्रकार पंजाब के अमृतसर में 30.4 एमएम बारिश हुई। भारत मौसम विभाग व निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक अगले 24 घंटे के बाद मौसम में एक बार फिर गर्म होगा। चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मौसम का यह पूर्वानुमान किसानों और कृषि विज्ञानियों को सही समय पर सही निर्णय लेने में मदद करेगा। फरवरी के इन दिनों में ठंड बनी रहने से गेहूं की फसल को फायदा होने का अनुमान है। क्योंकि गेहूं की फसल को इस मौसम में ठंड की जरूरत होती है। वहीं हरियाणा में 26 और 27 फरवरी को वर्षा हो सकती है। इसको लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं तीन दिन से मौसम में बदलाव के चलते हिसार का न्यूनतम तापमान कम हुआ है। शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 9.9 डिग्री तक पहुंच गया।