नीबू की शिकंजी
गर्मी के दिनों में सबसे आसान और सस्ते शीतल पेय की बात हो तो नीबू की शिकंजी का नाम सबसे पहले आता है। ठंडे पानी में एक नीबू निचोड़कर उसमें स्वाद के अनुसार शक्कर और जरा-सा काला नमक मिलाएं तो लाजवाब पेय तैयार हो जाता है। शहद के साथ नीबू की शिकंजी बनाई जाए तो और भी फायदेमंद हो जाती है। यह आसान-सा पेय शरीर को शीतलता प्रदान करने के अलावा ऊर्जा देता है और पेट की बीमारियों में फायदा पहुंचाता है। विटामिन-सी का भी यह बढ़िया स्रोत है।
आम का पना
सदियों से आम का पना गर्मियों के लिए अमृत जैसा माना जाता रहा है। आग में भुना या उबाला हुआ कच्चा आम, पुदीना, काला नमक, शक्कर, भुना पिसा जीरा आदि मिलाकर बनाया हुआ पना स्वाद में तो अद्भूत होता ही है, शरीर को लू से बचाने में भी अहम् भूमिका निभाता है। जिन्हें वसा और कोलेस्ट्रॉल की परेशानी हो, उनके लिए तो यह और भी बढ़िया पेय है। पना कई तरह के स्वाद में तैयार किया जा सकता है। यह नमकीन और खट्टा हो सकता है और खट्टेपन के साथ मीठा भी।
जलजीरा
जलजीरे का स्वाद भला कौन भूल सकता है। यह पारंपरिक शीतल पेय है और शरीर के लिए काफी लाभप्रद है। यह आपको लू लगने से बचाता है और पाचनशक्ति को चुस्त-दुरुस्त रखता है। बाजार में जलजीरे का बना-बनाया पाउडर मिलता है। पुदीना पत्ती, नीबू, हरा धनिया, भुना जीरा, काला नमक, अदरक, हींग, काली मिर्च, बूंदी आदि मिलाकर इसे घरों में भी लोग आसानी से बना लेते हैं।
छाछ
दही से मक्खन निकालने के बाद पानी मिला हुआ जो तरल पदार्थ बचता है, उसे छाछ या मट्ठा कहते हैं। यह बिना मक्खन निकाले दही से भी बनाई जा सकती है। इसमें भुना हुआ जीरा पाउडर, पुदीना पाउडर, काला नमक, हींग वगैरह मिला देने से यह काफी स्वादिष्ट हो जाती है। छाछ को खाने के साथ-साथ लिया जा सकता है। यह खाने को आसानी से पचाती है। आयुर्वेद की दृष्टि से छाछ को काफी लाभप्रद माना गया है। यह आंतों को संक्रमण से बचाती है और अल्सर जैसी बीमारियां नहीं होने देती। छाछ के बारे में यह जरूर ध्यान में रखना चाहिए कि इसे रात के समय नहीं पीना चाहिए। रात में छाछ पीने से कफ की समस्या हो सकती है।
लस्सी
दही की लस्सी गर्मी से तो बचाती ही है, हमारे पाचन-तंत्र को भी दुरुस्त रखती है। लस्सी बनाने के कई तरीके हैं। श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा की केसरिया लस्सी अपने स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। आसान तरीका यह है कि दही में थोड़ा-सा ठंडा पानी और शक्कर, इलायची मिलाकर कुछ देर तक मथें। अपनी रुचि के हिसाब से गुलाब, केवड़ा आदि का फ्लेवर मिलाकर इसका स्वाद बढ़ा सकते हैं।
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