Haryana:चंडीगढ़। हरियाणा सरकार 28 फरवरी से तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने जा रही है, जो भारतीय न्याय प्रणाली में एक नया अध्याय जोड़ेंगे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस पहल की घोषणा की और बताया कि राज्य पहला होगा जो इन कानूनों को लागू करेगा। इस पहल के तहत तीन नए कानूनों को भारतीय दंड संहिता, 1860, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की जगह 1 जुलाई, 2024 से लागू किया जाएगा। इन नए कानूनों में भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 2023 शामिल हैं। इन कानूनों का उद्देश्य अपराधों से निपटने की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाना है और अपराधियों को सजा दिलाने में तेज़ी लाना है।
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मुख्यमंत्री सैनी का बयान: नए कानूनों का महत्व और उद्देश्य | Haryana
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस ऐतिहासिक कदम का ऐलान करते हुए कहा कि हरियाणा पहला राज्य होगा जो इन तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करेगा। यह कदम राज्य में न्यायिक सुधारों के तहत उठाया गया है, ताकि अपराधों के खिलाफ कार्रवाई में पारदर्शिता और त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जा सके। बीते शुक्रवार को, मुख्यमंत्री ने गृह और पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान इस बात का उल्लेख किया कि इन नए कानूनों के तहत प्रशासन को और अधिक मजबूत किया जाएगा, ताकि राज्य में अपराधों पर नियंत्रण पाया जा सके और नागरिकों को न्याय मिल सके।
सीएम सैनी ने यह भी बताया कि नए कानूनों के लागू होने से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आएगी और कानूनी प्रक्रियाओं को प्रभावी बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस पहल से राज्य में अपराधों की दर कम करने में मदद मिलेगी और न्याय प्रणाली की कार्यकुशलता में सुधार होगा।
नए कानूनों की मुख्य विशेषताएं: क्या होगा बदलने वाला? Haryana
इन नए कानूनों की विशेषताएँ न्यायपालिका और पुलिस दोनों के लिए महत्वपूर्ण सुधार लेकर आई हैं।
1. मॉब लिंचिंग की परिभाषा: पहली बार, नए कानूनों में मॉब लिंचिंग को परिभाषित किया गया है। अब इसे एक अपराध के रूप में दर्ज किया जाएगा और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कानून समाज में हिंसा और नफरत को बढ़ावा देने वाली घटनाओं के खिलाफ कड़ा संदेश देगा और दोषियों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
2. एफआईआर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक न्याय मिलने का समय: नए कानूनों के तहत एफआईआर दर्ज होने से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक न्याय मिलने का समय तीन साल तक सीमित किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मामलों में देरी न हो और पीड़ितों को समय पर न्याय मिले। यह पहल लंबे समय से लंबित मामलों की स्थिति में सुधार लाने का एक प्रयास है।
3. कानूनी प्रक्रियाओं की समय सीमा: नए कानूनों में विभिन्न कानूनी प्रक्रियाओं के पूरा होने के लिए समय सीमा तय की गई है। यह बदलाव न्यायिक प्रक्रिया को तेज़ और पारदर्शी बनाने के लिए किया गया है। अब मामले की सुनवाई में अधिक देरी नहीं होगी और तारीखों के फेर में न्याय को लंबा खींचने की संभावना कम होगी।
4. पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण के लिए योजना: नए कानूनों के तहत पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग को लेकर एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। लगभग 22.5 लाख पुलिसकर्मियों के लिए 12 हजार मास्टर ट्रेनर्स तैयार किए जाएंगे। यह ट्रेनिंग पुलिस अधिकारियों को नए कानूनों और अपराधों से निपटने के नए तरीकों से अवगत कराएगी। इस पहल का उद्देश्य पुलिस अधिकारियों को अपराधों के मामलों में दक्ष बनाना है, ताकि वे नए कानूनों के तहत बेहतर तरीके से काम कर सकें।
5. फोरेंसिक जांच की अनिवार्यता: नए कानूनों में सात साल या उससे अधिक की सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक जांच को अनिवार्य किया गया है। यह कदम अपराधों की जांच में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देगा और दोषियों को पकड़ने के लिए तकनीकी साक्ष्य का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे मामलों की जांच में तेजी आएगी और दोषियों को सजा दिलाने में मदद मिलेगी।
6. रिमांड का समय: नए कानूनों के तहत रिमांड का समय पहले की तरह 15 दिनों का रहेगा, जो अपराधियों से पूछताछ करने के लिए पुलिस को पर्याप्त समय प्रदान करेगा। यह बदलाव न्यायिक प्रक्रिया में सुधार के लिए किया गया है।
7. क्षेत्रीय भाषाओं में कानूनों की उपलब्धता: इन नए कानूनों को हर क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि आम नागरिक भी उन्हें आसानी से समझ सकें और उनके अधिकारों के बारे में जान सकें। यह कदम राज्य के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोगों के लिए न्याय तक पहुँचने को आसान बनाएगा।
सीएम सैनी की बैठक में अन्य महत्वपूर्ण निर्णय | Haryana
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बैठक के दौरान पुलिस को अवैध अप्रवासियों, बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए। इसके अलावा, उन्होंने अवैध रूप से विदेश जाने और आने वालों पर रोक लगाने के लिए पुलिस को निर्देशित किया। सीएम ने यह भी बताया कि फरवरी और मार्च में होने वाले बजट सत्र में अवैध अप्रवास रोकने के लिए नया कानून लाया जाएगा, जो इस दिशा में एक और अहम कदम होगा।
हरियाणा सरकार द्वारा लागू किए जाने वाले तीन नए आपराधिक कानून राज्य में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। यह कानून न केवल न्यायिक प्रक्रिया में सुधार करेंगे, बल्कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। इन कानूनों के लागू होने से हरियाणा की न्याय प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जाएगा, जिससे आम नागरिकों को जल्दी और सटीक न्याय मिल सकेगा।