धान का सीजन आज से शुरू, बिजली आपूर्ति के बिना रोपाई प्रभावित होने का अंदेशा
- विभिन्न राज्यों से विशेषज्ञ थर्मल प्लांट को चालू करने में जुटे
मानसा (सुखजीत मान)। पंजाब में कल से धान की रोपाई शुरू होने जा रही है। धान की रोपाई करने वाले ज्यादातर किसान धान की फसल को ट्यूबवैलों द्वारा सिंचाई करके ही पालते हैं, किन्तु निजी कंपनी वेंदांता के सहयोग से लगाया गया बणांवाला थर्मल प्लांट करीब दो माह से बंद पड़ा है, जिस कारण यह थर्मल प्लांट फिलहाल किसानों की मोटरों को बिजली सप्लाई नहीं दे सकेगा। ऐसे में बिजली आपूर्ति के बिना धान की रोपाई प्रभावित होने की शंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
उल्लेखनीय है कि इस प्लांट में 18 अप्रैल को आग लग गई थी, जिस कारण कंपनी का करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था। थर्मल प्लांट के यूनिट चलाने के लिए कोला लेजाने वाले पटे (कनवेयर बैल्ट) को आग लगने के कारण इस थर्मल के तीनो यूनिट बंद हो गए थे। देश भर के विभिन्न राज्यों से विशेषज्ञ इस थर्मल प्लांट को चालू करने में जुटे हैं।
आग लगने के कारण बंद पड़े हैं बणांवाली थर्मल प्लांट के तीनो यूनिट
अकाली सरकार के शुरूआत कार्याकाल में ही लगी ब्रेक कारण पॉवरकाम भी दुविधा में फसा हुआ है। रेत खनन मामले के अतिरिक्त अन्य मुश्किलों में घिरी कांग्रेस सरकार किसानों को हर हाल में पूरी बिजली मुहैया करवाना चाहती है। इस लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए विशेषज्ञ थर्मल को चलाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं।
हालांकि पॉवरकाम ने कृषि सैक्टर व घरेलू बिजली की पूर्ती के लिए अलग से प्रबंध कर लिए हैं। पता चला है कि थर्मल प्लांट में आग लगने के कारण हुए नुकसान दौरान खराब हुए पार्ट्स की मुरम्मत व नए सामान की प्राप्ती के लिए काफी दिक्कतें आई हैं, जिसके चलते मुरम्मत में देरी हुई है।
कंपनी का लक्ष्य था कि 15 जून से शुरू होने वाले धान के सीजन से पहले प्लांट को चालू कर लिया जाए, किन्तु ऐसा नहीं हो सका। प्लांट में चल रहा मुरम्मत का काम अभी आखरी दौर में है। वर्णनीय है कि मानसा जिले में लगे इस पॉवर प्लांट से मोगा, धूरी, श्री मुक्तसर साहिब व नकोदर को बिजली सप्लाई होती है। प्लांट के अधिकारियों का कहना था कि दो माह से प्लांट की सप्लाई ठप होने के कारण करीब 250 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया है।
राख मानसा को, बिजली बाहरी जिलों को: भैणी बाघा
भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) के जिलाध्यक्ष राम सिंह भैणी बाघा का कहना है कि थर्मल लगाने के लिए जमीन मानसा जिले के किसानों से ली, किन्तु बिजली बाहरी जिलों को दी जा रही है, जबकि थर्मल की राख का संताप नजदीकी गांवों के लोग झेल रहे हैं। सरकार को चाहिए कि वह सरकारी थर्मल प्लांटों को पहले के आधार पर चलाए और जरूरत पढ़ने पर निजी थर्मल प्लांटों से सप्लाई ली जाए।
माह के अंत तक शुरू हो जाएगा प्लांट: अधिकारी
बणांवाला थर्मल प्लांट के लोक संपर्क अधिकारी विशाल अग्रवाल का कहना है कि प्लांट में लगी आग के बाद बंद पड़े तीनो यूनिटों को चलाने के लिए विशेषज्ञ लगे हुए हैं। कंपनी द्वारा पूरी कोशिश की जा रही है कि इस माह के अंत तक प्लांट को शुरू किया जा सके।
खेतों में जनरेटर से चल रहे हैं ट्यूबवैल
पंजाब में धान की रुपार्ई शुरू होने से पहले ही बिजली पूरी नहीं हो रही है। भारी संख्या में जिले के किसानों द्वारा जनरेटर चला कर मोटरें चलाई जा रही हैं। किसानों का कहना है कि ट्यूबवैल भी महंगे लगे हैं और अब बिजली भी पूरी मात्रा में नहीं मिल पा रही।
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