Monsoon Prediction 2024 : मौसम डेस्क,डॉ. संदीप सिंहमार। देश भर में इस बार दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान औसत से अधिक बारिश होने का अनुमान है। जून से सितंबर माह के दौरान औसतन रूप से 106% बारिश होने की संभावना जताई गई है। भारत मौसम विभाग ने आधिकारिक मौसम बुलेटिन जारी करते हुए बताया कि संभावना में पांच फ़ीसदी की कमी या अधिकता भी हो सकती है। मौसम बुलेटिन के अनुसार 1971 से लेकर 2020 की अवधि के दौरान पूरे देश भर में औसतन रूप से बारिश 87 सेंटीमीटर दर्ज की गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के प्रथम दक्षिण-पश्चिमी मानसून 2024 के पहले पूर्वानुमान अनुसार अलनीनो के कमजोर पड़ने से देश में मानसून की अच्छी बारिश होने की संभावना है। Monsoon 2024
देश में इस साल दक्षिण-पश्चिमी मानसून के दौरान एक जून से 30 सितंबर के बीच मानसून की बारिश का औसत 870 मिलीमीटर से ज्यादा 106 फीसदी रहने की संभावना है, अर्थात इस वर्ष मानसून सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। दक्षिण पश्चिमी मानसून में संभावित ज्यादा बारिश का मुख्य कारण अल-नीनो की स्थिति धीरे-धीरे कमजोर होना है। साल की मध्यावधि के दौरान अगस्त-सितंबर के मध्य ला-नीना की स्थिति अच्छी बनने की संभावना बन रही है। संभावित बेहतर मानसून रहने का एक अन्य कारण यह है कि हिंदमहासागर पर आईओडी /डाइपोल की स्थितियां अब न्यूटल बनी हुई हैं। जलवायु मॉडल पूर्वानुमान से लगता है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान ये ओर अधिक सकारात्मक होने की संभावना बन रही है। इससे देश के ज्यादातर क्षेत्रों में अधिक मानसूनी वर्षा की संभावना बनी रहेगी।
मई के अंतिम सप्ताह में स्थिति होगी स्पष्ट | Monsoon 2024
भारत मौसम विज्ञान विभाग हर वर्ष की भांति मई 2024 के अंतिम सप्ताह में एक संशोधित दक्षिण-पश्चिमी मानसून पूर्वानुमान जारी करेगा, जिसमे क्षेत्रवार बारिश की संभावना के बारे में बताया जाएगा। इसके बाद ही मानसून की स्थिति स्पष्ट ही पाएगी। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान विभाग के विभागध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून के पूर्वानुमान खरीफ फसलों की बिजाई तथा उनकी बढ़वार तथा अधिक पैदावार में सहायक सिद्ध होते हैं।
किसानों को होगा फायदा
हालांकि देश भर में मानसून के दौरान अच्छी बारिश के संकेत मिल रहे हैं। इससे किसानों को बेहतर फायदा होने की उम्मीद है। लेकिन दूसरी तरफ अच्छी बारिश के पूर्वानुमान से केंद्र व राज्य सरकारों के लिए एक चेतावनी भी है ताकि केंद्र व राज्य सरकार बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी कर सकें। क्योंकि असंतुलित बारिश से देश में ऐसी स्थिति बन सकती है। ऐसी संभावना भी जताई गई है।
इन राज्यों में संतुलित रहेगी बारिश, आ सकती है बाढ़ या हो सकता है सूखा!
देशभर में औसतन रूप से सामान्य से अधिक बारिश की संभावनाओं के बीच भारत मौसम विभाग ने यह भी संभावना जताई है कि उत्तर पश्चिम भारत, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के क्षेत्र में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। यानी इन राज्यों में असंतुलित बारिश हो सकती है। जैसे पिछले वर्ष उत्तराखंड, हिमाचल सहित पहाड़ी क्षेत्र में असंतुलित बारिश होने के कारण कहीं बाढ़ जैसी स्थिति बन गई थी तो कहीं भूस्खलन की स्थिति हुई थी। हिमाचल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। भारत मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार इस बार उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों से लेकर बिहार के कुछ हिस्सों में कम बारिश हो सकती है। इसका मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन का असर है।
जलवायु परिवर्तन : बढ़ते जा रहे बारिश के दिन
जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले ग्लोबल वार्मिंग के वजह से पिछले कुछ वर्षों से मानसून के दौरान अत्यधिक वर्षा वाले दिनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार इस बार भी 30 फ़ीसदी संभावना है कि बारिश अत्यधिक श्रेणी में होगी या लंबी अवधि के औसत 110 फ़ीसदी से अधिक हो सकती है। इसका सीधा सा मतलब है कि देश के कुछ हिस्सों में पानी ज्यादा गिरेगा तो कुछ में पानी कम गिरेगा। जहां बरसात ज्यादा होगी वहां बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है। वहां जीवन, संपत्ति व बुनियादी ढांचे के साथ-साथ फसलों को भी नुकसान होगा।
एल-नीनो का प्रभाव होगा समाप्त,ला-नीनो होगा प्रभावित
भारत ही नहीं पूरे विश्व भर में अल-नीनो और ला-नीनो के कारण बारिश पर प्रभाव पड़ता है। इस बार मानसून की शुरुआत में भारत में अल-नीनो की स्थिति कमजोर होने की संभावना है। जबकि दूसरी छमाही के दौरान ला-नीनो की स्थिति बनने की संभावना है। अल-नीनो और ला नीनो प्रशांत और हिंद महासागर के ऊपर समुद्र की सतह का तापमान, मानसून की बारिश की दृढ़ता से प्रभावित करते हैं। अल-नीनो जहां कम वर्षा का खतरा बढ़ाता है, तो ला-नीनो अधिक वर्षा से जुड़ा हुआ है। ला-नीनो की स्थितियों को एक सकारात्मक हिंद महासागर डिपोल द्वारा सहायता मिलने की संभावना है, जिसकी वजह से बारिश सामान्य से अधिक होती है।