श्रीगंगानगर की सुनीता वधवा की जगह महाराष्ट्र की सुनीता का शव नई दिल्ली पहुंचा
अब मृतक वधवा दंपति का अंतिम संस्कार आज होगा
श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के दौरान विगत शुक्रवार को पवित्र गुफा के निकट बादल फटने की प्राकृतिक त्रासदी में श्रीगंगानग के काल कलवित हुए दंपति में महिला का शव बदल गया । आज बड़े तड़के यह पता चलने पर दंपति के परिवारजनों में हड़कंप मच गया। श्रीनगर से शव भेजने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों में भी अफरा-तफरी मच गई। कुछ ही घंटे में स्पष्ट हुआ कि श्रीनगर से हवाई जहाज द्वारा नई दिल्ली भेजे गए तीन शवों में श्रीगंगानगर की सुनीता वधवा महाराष्ट्र की निवासी सुनीता नाम की दूसरी महिला का शव गलती से भेज दिया गया है।
देर रात की फ्लाइट से शव दिल्ली पहुंचने की संभावना
यह स्पष्ट होने पर श्रीनगर के शौर्य हॉस्पिटल में पड़े शवों की दोबारा जांच की गई। इसी दौरान वहां पहुंचे श्रीगंगानगर के पूर्णराम हलवाई ने वीडियो कॉल के द्वारा शव की श्रीगंगानगर और नई दिल्ली में इंतजार कर रहे परिवार जनों से शिनाख्त करवाई। देर शाम समाचार लिखे जाने तक सुनीता वधवा का शव श्रीनगर के शौर्य हॉस्पिटल में ही था। वधवा परिवार के करीबी राजेंद्र छाबड़ा राजू ने बताया कि दोबारा जांच के लिए शौर्य हॉस्पिटल में पैकिंग कर के रखे हुए शवों को फिर से निकाला गया। पूरी तरह तसल्ली करने के बाद शव को दोबारा पैक करने में काफी वक्त लगा। इस कारण अभी तक सुनीता देवी के शव को श्रीनगर से नई दिल्ली नहीं भेजा गया है। देर रात की फ्लाइट से शव दिल्ली पहुंचने की संभावना है।
तत्पश्चात नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मुर्दाघर में रखे हुए सुनीता देवी के पति मोहनलाल वधवा के शव के साथ ही कल सुबह श्रीगंगानगर लाया जाएगा। पवित्र गुफा के निकट शुक्रवार शाम 5:30 बजे बादल फट जाने से कई कैंप तहस-नहस हो गए थे। इन्हीं कैंपों में एक कैंप में पवित्र गुफा के दर्शन करने के बाद विश्राम कर रहे श्रीगंगानगर निवासी कपड़ा व्यापारी मोहन लाल वधवा (59), उनकी पत्नी सुनीता (57) मोहनलाल वाधवा के समधी एवं राजस्थान पुलिस के सेवानिवृत्त स्पेक्टर सुशील खत्री की मौत हो गई थी। इनके साथ इनके परिवारों के कई लोग भी यात्रा पर गए थे, जो कि सकुशल हैं।
कल शनिवार को श्रीनगर में पोस्टमार्टम होने के बाद अधिकारियों ने सुशील खत्री, मोहनलाल और सुनीता के शव हवाई मार्ग द्वारा नई दिल्ली भेज दिए जो कि कल रात लगभग 10:30 बजे पहुंचे। सुशील खत्री के शव को उसके परिवार वाले लेकर रात करीब 12 बजे श्रीगंगानगर रवाना हुए।आज सुबह लगभग 11 बजे श्री गंगानगर में पदमपुर रोड कल्याण भूमि में सुशील खत्री को अंतिम विदाई दी गई। इस मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी, पुलिस कर्मचारी और शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे। उधर, नई दिल्ली में कल देर रात एयरपोर्ट की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद वधवा दंपति के शव लेकर परिवार वाले रवाना होने लगे तो अधिकारियों ने पहले शव की तस्दीक करवाई।
श्रीनगर के हॉस्पिटल में रखे बाकी शवों की जांच
नई दिल्ली में एक और महिला की लाश भी श्रीनगर से लाई गई थी। यह मृतक महिला नई दिल्ली की ही थी। उसके शव को परिवार वाले ले गए लेकिन जब सुनीता देवी के शव को परिजनों ने देखा तो उन्होंने शव सुनीता का होने से इनकार कर दिया। इससे नई दिल्ली में मौजूद अधिकारियों में ही हड़कंप नहीं मचा बल्कि श्रीनगर में भी अधिकारी हैरान परेशान हो गए। कुछ ही देर में स्पष्ट हुआ कि नई दिल्ली में सुनीता वधवा की जगह महाराष्ट्र की किसी सुनीता नाम की महिला का शव भेज दिया गया है। इस पर श्रीनगर के हॉस्पिटल में रखे बाकी शवों की जांच की गई।इसमें स्पष्ट हो गया कि श्रीगंगानगर की सुनीता का शव अभी श्रीनगर में ही है, जिसकी पूरी शिनाख्त करने में कुछ वक्त लगा।
राजेंद्र छाबड़ा ने बताया कि अमरनाथ की यात्रा पर गए हुए श्रीगंगानगर के एक हलवाई पूर्णराम जोकि आज सौभाग्य से श्रीनगर में ही थे, वह वधवा परिवार के परिचित भी हैं, उन्होंने श्रीनगर हॉस्पिटल में जाकर वीडियो कॉल से वधवा परिवार से शव की तस्दीक करवाई। इसके बाद दोबारा शव को पैक करने में काफी वक्त लगा। अब शव देर रात नई दिल्ली पहुंचेगा,जिसे कल सुबह मोहनलाल वधवा के शव के साथ ही श्रीगंगानगर लाया जाएगा। कल दोपहर बाद वधवा दंपति का अंतिम संस्कार होने की संभावना है। अमरनाथ त्रासदी में मारे गए लोगों में श्रीगंगानगर के यह तीन लोग भी शामिल हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दुख व्यक्त किया है।साथ ही मृतकों के आश्रितों को 5-5 लाख की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
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