तंबू लगाने के दौरान पुलिस से हुई तकरार, पक्की सेवाएं करने की मांग

Punjab

ठेका कर्मचारियों ने परिवारों सहित मोती महिला नजदीक लगाए तंबू, धरना शुरू

  • नेताओं व मंत्रियों का गांवों में आना बंद करने का किया ऐलान

सच कहूँ/खुशवीर सिंह तूर पटियाला। ठेका कर्मचारियों की ओर से आज मुख्य मंत्री के मोती महल के नजदीक वाईपीऐस चौंक में तंबू लगा कर मोर्चा खोल दिया गया। इस दो दिवसीय धरने में आज ठेका कर्मचारियों ने परिवारों सहित शिरकत की। वैसे चाहे आज सुबह पुलिस की ओर से इन ठेका कर्मचारियों को यहां तंबू लगाने से मना भी किया गया, जिस कारण पुलिस के साथ से तरकारबाजी भी हुई। इस दौरान उक्त कर्मचारी यहां तंबू गाढ़ने में सफल रहे, जिस के बाद यहां स्टेज लगाकर मुख्य मंत्री अमरेन्द्र सिंह के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए।

जनसमूह को संबोधित करते ठेका कर्मचारी संघर्ष मोर्चा पंजाब के नेताओं वरिन्दर सिंह मोमी, सैर सिंह खन्ना, रणधीर सिंह, परमिन्दर सिंह, सतनाम सिंह, राय साहब सिंह, मनिन्दर सिंह ने कहा कि वाटर सप्लाई, बिजली, सेहत, शिक्षा, ट्रांसपोर्ट व अन्य पब्लिक विभाग लोगों को बुनियादी सुविधाएं देने के लिए वायदे तय किए गए थे, परन्तु अब केंद्र और पंजाब सरकार की ओर से लोगों की प्राथमिक जरूरतों की पूर्ति करने वाले इन पब्लिक विभागों को मुनाफाखोर और निजी कंपनियों के हवाले किया जा रहा है, जिससे ठेका कर्मचारियों का रोजगार, रोटी, किसानी का क्षेत्र व अन्य क्षेत्र खतरे के मुँह में चले जाएंगे।

उन्होंने कहा कि चाहे कैप्टन सरकार कहती है कि बहु संख्या से लोगों के हित के लिए चयन करती हैं, परन्तु बहु संख्या लोग इन विरोधी नीतियों की विरोधता कर रहे हैं, परन्तु सरकार विरोध को नजर अंदाज कर रही है। उन्होंने कहा कि पब्लिक विभागों में सेवाएं पक्के तौर पर देनी चाहिए, फिर ठेका भर्ती क्यों है। यदि सेवाएं पक्की तौर पर चाहिए तो कर्मचारियों की सेवाएं भी पक्के तौर पर करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों की पूर्ति के लिए हम संघर्ष समय-समय पर करते आ रहे हैं परन्तु सरकार का अमल हर बार लोक विरोधी ही रहा है। पंजाब सरकार की ओर से मीटिंगें करवाने के लिए 8 बार तारीखें जारी की गई हैं, परन्तु त्रासदी यह है कि हर बार सरकार लिखित रूप में समय देकर भी मीटिंग नहीं करती है, जिस कारण हमारे पास संघर्ष के अलावा कोई और चारा नहीं है। उन्होंने ऐलान किया कि राजनेताओं और सरकार के मंत्रियों का गांवों में आना बंद करेंगे और घेर कर यह सवाल करेंगे कि जनता से किए जाने वाले वायदे पूरे किये जाएं।

मोर्चे ने मांग की कि समूह विभाग में इनलिस्टमैंट, ठेकेदारों, कंपनियों, सोसायटियों, आउटसोर्सिंग, वर्कचार्जड, डेलीवेज, एडहाक, मान भत्तों द्वारा लगे ठेका कर्मचारियों को सम्बन्धित विभाग में लाकर रेगुलर किया जाये। नये लेबर और खेती कानून रद्द किये जाएं। समूह विभागों के ठेका कर्मचारियों की छंटनियां बंद की जाएँ और छंटनी किये वर्कर बहाल किये जाएँ।

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