जयपुर (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विकासवाद की राजनीति देश की राजनीति की मुख्यधारा बताते हुए कहा है कि देश में विकासवाद की राजनीति होनी चाहिए, लेकिन कुछ लोगों ने विकास को विकृत रूप दे दिया है, ऐसे लोग समाज में तनाव को ढूंढकर जातिवाद, क्षेत्रवाद और अन्य मामले उठाकर लोगों को भड़काकर अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं। ऐसे लोगों से सचेत रहना होगा। मोदी जयपुर में हो रही भाजपा की राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक के उद्घाटन सत्र को नई दिल्ली से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग समाज की कमजोरियों के साथ खेल रहे हैं। हमें लोगों को ऐसे लोगों से सावधान करते रहना होगा।
उन्होंने कहा कि कोई भी दल हो, उसको विकासवाद की राजनीति पर आने के लिए मजबूर करना है। हम बड़े गर्व से कहते हैं कि यह भाजपा है, जिसने विकासवाद की राजनीति को देश की राजनीति की मुख्यधारा में लेकर आई है। कोई भी चुनाव हो, उसमें हर किसी को विकास की बात करनी पड़ती है। कुछ लोगों ने विकास को भी विकृत रूप दे दिया है, ऐसे लोग समाज में तनाव को ढूंढकर जातिवाद, क्षेत्रवाद और अन्य मामले उठाकर अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं।
उन्होंने कहा कि जब भाजपा के स्वरूप और विस्तार को देखते हैं तो गर्व तो होता है, लेकिन इसके निर्माण में जीवन खपाने वाले लोगों को नमन करता हूँ। उन्होंने कहा कि मुझे भी आपके बीच में आने का अवसर होता तो मुझे प्रेरणा मिलती। राजस्थान में भाजपा की बात हो तो मुझे गर्व की अनुभूति है कि मुझे कई वरिष्ठ लोगों की अंगुली पकड़कर चलने का मौका मिला। इसका मुझे गर्व है। मैं कार्यकर्ताओं से कहता हूं कि कभी आलस आ जाए तो मोबाइल में कमल का फूल देख लीजिए, ऊर्जा मिलेगी।’
उन्होंने कहा कि दुनिया आज भारत को बहुत उम्मीदों से देखती है। ऐसे ही देश की जनता भाजपा को बहुत उम्मीद और विश्वास से देख रही है। देश की जनता का आकांक्षा हमारा दायित्व बढ़ा देती है। देश अपने लिए अगले 25 साल के लक्ष्य तय कर रहा है, भाजपा भी आने वाले सालों का लक्ष्य तय करे। देश के लोगों की उम्मीदें पूरी करनी हैं। देश के सामने चुनौतियों को लोगों के साथ मिलकर परास्त करना है। मोदी ने कहा कि हमारा दर्शन पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद है। हमारा मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास है।