पहले केन्द्र की मोदी सरकार ने भी किया था खंडन
नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर ने भंयकर तांडव मचाया है। नए संक्रमितों के आंकड़ों में भले ही कमी दर्ज की जा रही हो, लेकिन मृतकों का आंकड़ा घटने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुश्किल वक्त के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के एक बयान ने आमजन को सकते में डाल दिया था। दरअसल अरविन्द केजरीवाल ने कोरोना के नए सिंगापुर स्ट्रेन को लेकर आगाह किया था और उन्होंने केन्द्र सरकार से इस मामले में समय रहते एक्शन लेने की अपील की थी। इस पर पहले तो केन्द्र की मोदी सरकार ने केजरीवाल की बात का खंडन किया था।
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के बयान पर सिंगापुर सरकार खासी नजर आ रही है। अब भारतीय हाई कमिश्नर को तलब कर केजरीवाल के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। इससे पहले सिंगापुर के दूतावास ने कहा कि हमारे देश में कोरोना के नए स्ट्रेन पाए जाने की बात में कोई सच्चाई नहीं है। जांच के आधार पर ये पता चला है कि सिंगापुर में कोरोना का बी.1.617.2 वेरियंट पाया गया है, इसमें बच्चों से संबंधी भी कुछ मामले जरूर आए हैं।
क्या बोले थे दिल्ली के सीएम
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को ट्वीट के माध्यम से बताया था कि सिंगापुर में कोरोना का नया रूप सामने आया है, जो बच्चों के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है और ये भारत में तीसरी लहर के रूप में आ सकता है। इसलिए केन्द्र सरकार सिंगापुर से आने और जाने वाली हवाई सेवाएं तत्काल प्रभाव से रद्द करे। वहीं बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर वैक्सीन के विकल्पों पर प्राथमिकता के आधार पर काम करे। गौरतलब है कि कोरोना को लेकर काम कर रहे विशेषज्ञों ने पहले ही चेताया हुआ है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर आने का खतरा है, जिसमें बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में सरकार ने अभी से तैयारियां शुरू भी कर दी हैं। केन्द्र सरकार ने पिछले दिनों बच्चों पर वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी भी दे दी है।
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