बिहार में एनआरसी लागू करने का सवाल ही नहीं : नीतीश

Chief Minister Nitish Kumar

अभी एनपीआर का काम तीन-चार महीने बाद ही शुरू होगा (Chief Minister Nitish Kumar)

पटना (एजेंसी)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने सोमवार को कहा कि बिहार में राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) को लागू नहीं किया जाएगा। कुमार ने अनुसचित जाति-जनजाति वर्ग को आरक्षण देने की अवधि दस साल और बढ़ाने से संबंधित संविधान के 126वें संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए आहूत विधानसभा के विशेष सत्र में कहा कि सदन के अंदर हर मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए, जहां तक एनआरसी का प्रश्न है तो उसे बिहार में लागू करने का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि जब केंद्र में राजीव गांधी की सरकार थी तब असम के संदर्भ में एनआरसी की बात हुई थी लेकिन पूरे देश के लिए इसकी बात कभी हुई ही नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बारे में स्पष्ट कर दिया है।

  • ऐसे में अब एनआरसी पर चर्चा करने का कोई औचित्य नहीं है।
  • राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर राज्य ने सहमति दी है।
  • लेकिन बीच में कुछ नया जोड़ा गया है तो इस पर भी सदन में चर्चा हो सकती है।
  • अभी एनपीआर का काम तीन-चार महीने बाद ही शुरू होगा।

वर्ष 1930 के बाद देश में जातीय आधार पर जनगणना नहीं हुई है

कुमार ने कहा कि वह जातीय आधार पर जनगणना कराए जाने के पक्षधर हैं। वर्ष 1930 के बाद देश में जातीय आधार पर जनगणना नहीं हुई है। वर्ष 2010 में भी इस संबंध में मांग उठी थी लेकिन उस समय जातीय आधार पर जो जनगणना हुई उसके आंकड़े प्रकाशित नहीं हुए लेकिन उनका मत है कि एकबार यह काम हो जाना चाहिए। धर्म के आधार पर जनगणना होती है, अनुसूचित जाति-जनजाति के अंदर भी जितनी उपजातियां हैं उसकी भी जनगणना होती है तो फिर जातीय आधार पर जनगणना कराने में क्या समस्या हो सकती है।

  •  वह इस संबंध में सार्वजनिक तौर पर कहते रहे हैं
  •  यदि सदन में इस पर चर्चा हुई तो बिहार की भावना से भी केंद्र को अवगत कराया जाएगा।

 

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