बेलगढ़ से लेकर शहजादपुर के बीच कई किलोमीटर के रास्ते पर अवैध खनिज से भरे वाहनों के लिए कोई बाधा नहीं
खिजराबाद (सच कहूँ/राजेन्द्र कुमार)। Khizrabad News: बेलगढ़ से कन्यावाला होता हुआ लाकड़-भीलपुरा के खेतों के रास्ते अवैध खनिज सामग्री के परिवहन का सेफ रुट बने हुए हैं। दिन हो या रात हर समय खनिज सामग्री से भरे वाहनों का काफिला, जिसमें डंपर से लेकर ट्रैक्टर-ट्रालियां तक शामिल है यमुना व खेतों के रास्ते का प्रयोग कर लाकड़ पहुंच जाती है यहां से यह गाड़ियां बड़ी आसानी से अपनी मंजिल तक पहुंच जाती है। वहीं लाकड़ एरिया में बने प्लाटों के लिए कच्चा माल भी इस रास्ते यमुना से आता है। Yamunanagar News
बल्लेवाला व बेलगढ़ क्रशर जोन एरिया में अवैध खनिज से भरी गाड़ियां न निकलें इसके लिए देवधर व भूड़कलां में नाके लगाए गए। लगातार सख्ती व चेकिंग से बचने के लिए क्रशर जोन से गाड़ियों को बेलगढ़ से कन्यावाला यमुना नदी के बीच व खेतों के रास्ते से लाकड़ व भीलपुरा के रास्ते सेफ रूट बना लिया गया। यहां पर न तो कोई चौंकी है न ही कभी गश्त होती है न ही कोई आता है न ही कोई आना चाहता है। इसका फायदा उठाकर जोन के तैयार माल व यमुना नदी में किए जा रहे अवैध खनन का माल लाकड़ व भीलपुरा के खेतों के रास्ते लाकड़ लाया जाता है इसके बाद नत्थनपुर होता हुआ यह माल वाया खदरी व अन्य रास्तों से निकल जाता है। Yamunanagar News
ऐसा नहीं है कि खनन विभाग व अन्य एजेंसियों को इस सेफ रुट का पता नहीं है, मगर ऐसा लगता है कि कहीं न कहीं कोई साफ्ट कार्नर होने की वजह से पूरे रास्ते पर कहीं पर कोई नाका नहीं लगाया गया है। सबका ध्यान केवल देवधर व भूड़कलां से प्रतापनगर क्रासिंग की ओर रहता है। पिछले लगभग दस साल या उससे भी अधिक समय बीत चुका है लाकड़ एरिया में कोई कोई माइनिंग ब्लाक नहीं है, मगर यहां पर यूनिटस धड़ल्ले से चल रही है, ओर यमुना नजदीक होने से बिना किसी लागत के कच्चा माल यहां पर आ रहा है।
जब तक इस रुट की लीकेज नहीं रोकी जाती है, क्रशर जोन से अवैध खनिज के परिवहन पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। ग्रामीणों का कहना है कि एक चौंकी भीलपुरा व दूसरी लाकड़ चौंक पर लगाई जानी चाहिए ताकि इस रास्ते से हो रही लीकेज को कंट्रोल किया जा सके। Yamunanagar News
जब इस बारे एसडीएम छछरौली रोहित कुमार और जिला खनन अधिकारी विनय शर्मा से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया जब जब अधिकारी ही फोन नहीं उठाएंगे तो खनन कैसे रुकेगा।
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