आयकर रिटर्न में एक बार सुधार का मौका देगी: सरकार
नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे मिडिल क्लास मायूस होगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरंसी से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगा दिया गया है। वित्त मंत्री ने अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा के जीडीपी की तुलना में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताते हुये कहा कि अगले वित्त वर्ष में कुल व्यय 39.45 लाख करोड़ रुपये रहेगा। सरकार कुल 22.84 लाख करोड़ रुपये का संसाधन जुटायेगी।
चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 6.9 प्रतिशत है। उन्होंने घोषणा की कि भारतीय रिजर्व बैंक वर्ष 2022-23 से डिजिटल करेंगी लेकर आयेगा। केन्द्र द्वारा राज्यों को मजबूती दिये जाने की प्रतिबद्धता जताते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्रियों से चर्चा के बाद राज्यों के लिए मदद की जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्यों को 50 साल के लिए बिना ब्याज कर्ज दिया जाएगा। अगले वित्त वर्ष में राज्यों को एक लाख करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी जायेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 में राज्यों को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के चार प्रतिशत तक राजकोषीय घाटे की अनुमति होगी।
टैक्स सिस्टम में सुधार की प्रक्रिया जारी रहेगी
श्रीमती सीतारमण ने देश के करदाताओं का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि टैक्स सिस्टम में सुधार की प्रक्रिया जारी रहेगी और करदाताओं को टैक्स फाइलिंग में गलती सुधारने का मौका भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार स्थिर और अनुमानित कर तंत्र बना रही है। उन्होंने कहा कि आयकर रिटर्न में एक बार सुधार का मौका देगी और दो वर्ष के भीतर इसे फाइल करना होगा।
उन्होंने अर्थव्यवस्था से कोरोना के प्रभावों से उबरने और अर्थव्यवस्था की गति को बनाये रखने पर जोर देते हुये कहा कि अगले वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय को 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रभावी पूंजीगत व्यय 10.68 लाख करोड़ रुपये रहेगा जो जीडीपी का 4.1 प्रतिशत होगा। मांग बढ़ाने और निजी निवेश को गति देने के लिए सरकारी निवेश को आवश्यक बताते हुये उन्होंने कहा कि सरकारी उधारी जुटाने के लिए सोवरेन ग्रीन बौंड जारी किये जायेंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक वर्ष 2022-23 से डिजिटल करेंगी
वित्त मंत्री ने अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा के जीडीपी की तुलना में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताते हुये कहा कि अगले वित्त वर्ष में कुल व्यय 39.45 लाख करोड़ रुपये रहेगा। सरकार कुल 22.84 लाख करोड़ रुपये का संसाधन जुटायेगी। चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 6.9 प्रतिशत है। उन्होंने घोषणा की कि भारतीय रिजर्व बैंक वर्ष 2022-23 से डिजिटल करेंगी।
केन्द्र द्वारा राज्यों को मजबूती दिये जाने की प्रतिबद्धता जताते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्रियों से चर्चा के बाद राज्यों के लिए मदद की जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्यों को 50 साल के लिए बिना ब्याज कर्ज दिया जाएगा। अगले वित्त वर्ष में राज्यों को एक लाख करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी जायेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 में राज्यों को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के चार प्रतिशत तक राजकोषीय घाटे की अनुमति होगी।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।