
जंग चौधर की हो या फिर चौधर को चुनौती देनी हो!
Haryana Municipal Elections Results: सरसा (सच कहूँ न्यूज)। बीती 2 मार्च को हुए निकाय चुनावों के परिणाम आगामी 12 मार्च को घोषित किए जाएंगे। इन नतीजों के आने से पहले न केवल चेयरमैन पद बल्कि वार्डों में पार्षद पद के चौधरियों के लिए भी जीत की चुनौती बनी हुई है। चुनावी वैतरणी में उतरे नए प्रत्याशी जहां स्थानीय निकाय के जरिए राजनीति में आगे बढ़ने की बाट जोह रहे हैं। वहीं कुछ पहले चुनाव लड़ चुके प्रत्याशी वार्ड में अपना वर्चस्व कायम रखना चाह रहे हैं। यही कारण है कि वार्डों में कोई दूसरी तो कोई तीसरी बार मैदान में उतरा हुआ है। किसी के सामने परिवार की राजनीतिक साख बनाए रखने तो किसी के समक्ष अपना वजूद बनाने की चुनौती है। इस बार भाजपा द्वारा सिंबल पर वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ने से भी पुराने चौधरियों के समक्ष मुश्किलें खड़ी हो गई है। Sirsa News
दूसरी बार मैदान में किस्मत अजमाने उतरे प्रत्याशी
वार्ड नंबर 21 में पार्षद प्रत्याशी नीतू सोनी, वार्ड नंबर 7 से सुमन शर्मा, वार्ड नंबर 10 से नारायण पाल सिंह, वार्ड नंबर 14 से सुनील सहारण, वार्ड नंबर 24 से कौशल्या वर्मा, वार्ड नंबर 27 मनमोहन मिढा, वार्ड नंबर 29 से राखी मौर्य, वार्ड नंबर 31 से रेणु बाला और वार्ड नंबर 32 से प्रत्याशी आशा रानी दूसरी बार चुनाव लड़ रही हैं। हालांकि, इस बार इनमें से अधिकांश के वार्ड बदले हुए हैं। इसकी वजह यह है कि नए सिरे से वार्डबंदी हुई है और एक वार्ड भी बढ़ चुका है।
ये प्रत्याशी बना रहे दिलचस्प मुकाबले | Sirsa News
वार्ड नंबर 21 से नीतू सोनी प्रत्याशी है, वहीं वार्ड 20 से उनके पति अमित सोनी चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी हैं। वार्ड नंबर 6 में गोपीराम सैनी पहले चुनाव लड़े थे, वहीं पिछली बार उनकी पत्नी ममता सैनी पार्षद रही थी। हालांकि, गोपीराम सैनी इनेलो कार्यकर्ता रहे हैं, लेकिन वार्ड पार्षद चुनाव में उन्होंने कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया का समर्थन लिया है। वार्ड नंबर 14 से बीजेपी के प्रत्याशी अंग्रेज बठला तीसरी बार लड़ रहे हैं। 2009 में अंग्रेज बठला वार्ड 10 से जीते थे, लेकिन 2016 में हुए निकाय चुनावों में वे हार गए थे। अब बठला तीसरी बार वार्ड 14 से मैदान में हैं। इसी प्रकार नीटू कसेरा भी पहले वार्ड नंबर 15 से चुनाव हार चुके हैं। इस बार उनकी पत्नी सुनीता कसेरा वार्ड नंबर 17 से चुनाव लड़ रही है।
परिवार की साख बचाने में जुटे उम्मीदवार
शहर के कुछ पार्षद प्रत्याशी ऐसे भी हैं, जिनके पास परिवार की साख बचाने की भी चुनौती है। किसी के पिता, किसी की मां तो किसी के चाचा-चाची पहले पार्षद रह चुके हैं। वार्ड नंबर 24 से भाजपा प्रत्याशी विक्रम सैनी की मां राजदुलारी और पिता लीलाधर सैनी दोनों पार्षद रह चुके हैं। लीलाधर सैनी नगर परिषद के उप प्रधान भी रहे हैं। अब विक्रम सैनी परिवार से तीसरे सदस्य होंगे, जो मैदान में हैं।
इसी तरह वार्ड नंबर 31 की भाजपा प्रत्याशी अनु मल्होत्रा के पिता राजेंद्र मल्होत्रा भी एमसी रह चुके हैं। आरएसएस से बहुत पुराना जुड़ा शहर का प्रतिष्ठित रातुसरिया परिवार भी वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ रहा है। पिछली बार वार्ड नंबर 20 से वैशाली रातुसरिया पार्षद बनी थी, मगर इस बार उनके भतीजे संजीव रातुसरिया मैदान में हैं। वैशाली के पति प्रदीप रातुसरिया साल 2019 में सरसा विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं।
दो चेयरमैन उम्मीदवार भी पहले रह चुके एमसी
वार्ड पार्षद प्रत्याशियों के साथ-साथ चेयरमैन पद के उम्मीदवार वीर शांति स्वरूप और राजेंद्र कुमार राजू भी पहले वार्ड पार्षद रह चुके हैं। वीर शांति स्वरूप तीन बार जबकि राजेंद्र राजू चार बार एमसी रहे हैं। दोनों ने ही इस बार चेयरमैन के चुनाव में जीत के लिए जोर लगाया है। Sirsa News
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