कैनबरा (एजेंसी)। ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि पेंगुइन की सबसे बड़ी प्रजाति ‘एम्परर पेंगुइन’ (Emperor Penguin) के अस्तित्व पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। यह अगले 30 वर्षों के भीतर विलुप्त होने की कगार पर है। पेंगुइन की 18 प्रजातियां हैं जिनमें से पांच अंटार्कटिका में रहती हैं तथा चार प्रजातियां उप-अंटार्कटिक द्वीपों पर रहती हैं। पेंगुइन की सबसे बड़ी प्रजाति एम्परर पेंगुइन है। जिसे एप्टेनोडाइट्स फोरस्टरी भी कहा जाता है। इसकी लंबाई 1.3 मीटर हाती है।
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यह सभी जीवित पेंगुइन प्रजातियों में सबसे लंबा और सबसे भारी है। एक बार जब उन्हें एक साथी मिल जाता है तो वे आम तौर पर उसके जीवन भर रहते हैं और अपने बच्चों को खिलाने और सुरक्षित रखने के लिए मिलकर काम करते हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण एम्परर पेंगुइन की प्रजाति आने वाले कुछ वर्षो में विलुप्त होने की कगार पर है।
प्रजातियों को बचाने का आह्वान
ऑस्ट्रेलियाई अंटार्कटिक डिवीजन (एएडी) के एक वरिष्ठ शोध वैज्ञानिक बारबरा वीनेके ने कहा कि अनुमानित अध्ययनों से पता चला है कि एम्परर पिंगुइन वर्ष 2050 तक लगभग विलुप्त हो सकता है। विनेके ने कहा, ‘वर्तमान में अनुमानित स्थिति के अनुसार, आगामी साल 2050 तक अधिकांश प्रजातिया अर्ध-विलुप्त हो जाएंगी। उनकी संख्या में लगातार कमी पायी जा रही है। एम्परर पेंगुइन को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन आॅफ नेचर (आईयूसीएन) द्वारा लुप्तप्राय की श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया। उन्होंने कहा कि कई विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करके, प्रजातियों को बचाने का आह्वान किया है।
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