चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब सरकार द्वारा खेलों के क्षेत्र में किए गए उपक्रमों के चलते देश भर में साल 2024 राज्य के नाम रहा है। पंजाब को खेलों के क्षेत्र में देश का नंबर एक राज्य बनाने और राज्य में खेल संस्कृति पैदा करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान, जिनके पास खेल विभाग भी है, द्वारा साल 2023 में बनाई गई नई खेल नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने के साथ ही साल 2024 में इस नीति के सार्थक परिणाम सामने आए हैं।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस साल पेरिस ओलंपिक में भारत के कुल 100 खिलाड़ियों में से 19 अकेले पंजाब के थे। इनमें 10 हॉकी खिलाड़ी, छह निशानेबाजी, दो एथलेटिक्स और एक गोल्फ के थे। इसके अलावा तीन पंजाबी खिलाड़ियों ने पेरिस पैरालंपिक में हिस्सा लिया जिनमें एक पैरा एथलीट, एक पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी और एक पैरा पावर लिफ्टर थे। नई खेल नीति के तहत 22 खिलाड़ियों को तैयारी के लिए 15 लाख रुपए प्रति खिलाड़ी के हिसाब से कुल 3.30 करोड़ रुपए दिए गए।
साल 2024 के पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचते हुए भारतीय हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता। इसमें 8 खिलाड़ी पंजाब के थे। मुख्यमंत्री ने पंजाब का नाम रोशन करने वाले इन खिलाड़ियों को प्रति खिलाड़ी एक करोड़ रुपये के इनाम के हिसाब से कुल 8 करोड़ की राशि के साथ सम्मानित किया। दो पंजाबी हॉकी खिलाड़ी रिजर्व थे जिन्हें 15-15 लाख रुपए दिए। इसके अलावा ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले बाकी नौ खिलाड़ी और तीन पैरा खिलाड़ियों को भी हिस्सा लेने के लिए 15 लाख रुपए प्रति खिलाड़ी के साथ सम्मानित किया गया। इस तरह पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक के कुल 22 पंजाबी खिलाड़ियों को तैयारी, इनाम और हिस्सा लेने की राशि मिलाकर कुल 13.10 करोड़ रुपए की राशि वितरित की गई। पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम का कप्तान हरमनप्रीत सिंह 10 गोलों के साथ ओलंपिक का शीर्ष स्कोरर भी बना जिसने पंजाबियों का नाम दुनिया भर में चमकाया।
इस साल पंजाब के 11 नामी खिलाड़ियों को पी.सी.एस. और डी.एस.पी. की नौकरियां दी गई। इनमें नौ हॉकी खिलाड़ियों में से चार खिलाड़ियों हार्दिक सिंह, रुपिंदर पाल सिंह, सिमरनजीत सिंह और गुरजंत सिंह को पी.सी.एस. और पांच हॉकी खिलाड़ियों हरमनप्रीत सिंह, मनदीप सिंह, दिलप्रीत सिंह, शमशेर सिंह और वरुण कुमार तथा एक एथलीट तेजिंदर पाल सिंह तूर और एक क्रिकेटर हरमनप्रीत कौर को डी.एस.पी. लगाया गया। मुख्यमंत्री ने खेलों को और प्रफुल्लित करने के लिए साल 2023 में नई खेल नीति लागू की। इस नीति के तहत बेहतर कोचिंग, खेल सामान और रिफ्रेशमेंट वाली क्लस्टर स्तर की 1000 खेल नर्सरियां स्थापित की जानी है। साल 2024 में पहले चरण में 260 नर्सरियां बनाने का काम शुरू किया जा चुका है जो जल्द ही क्रियान्वित होंगी।
मुख्यमंत्री ने पंजाब में पहली बार ‘खेडां वतन पंजाब दीयां’ की शुरूआत की ताकि उभरते खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा निखारने का मौका दिया जा सके। साल 2024 में ‘खेडां वतन पंजाब दीयां’ का तीसरा सीजन सफलतापूर्वक करवाया गया जिसमें पांच लाख के करीब खिलाड़ियों ने 37 खेलों के नौ आयु वर्गों में हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री ने पहली बार पैरा खेलों को ‘खेडां वतन पंजाब दीयां’ का हिस्सा बनाया गया है ताकि हर खिलाड़ी को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल सके।