मिनी ब्राजील नाम से मशहूर है गांव अलखपुरा

Village Alakhpura

सराहनीय। बेटियों ने फुटबॉल में राष्ट्रीय स्तर पर चमकाया नाम, जीते कई मैडल ( Alakhpura village )

  • लड़कियों की फुटबाल टीम ने लगातार दो साल जीता सुब्रतो कप

सच कहूँ/इन्द्रवेश दुहन भिवानी। भिवानी जिले के गांव अलखपुरा को मिनी ब्राजील के नाम से जाना जाता है। क्योंकि इस गांव के हर घर से फुटबॉल खिलाड़ी है। जिन्होंने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हुए नाम चमकाया है। यहां के फुटबाल मैदान में सैकड़ों खिलाड़ी हर दिन फुटबॉल खेलते नजर आते हैं। जिसके चलते प्रदेश सरकार ने यहां अलग से दो फुटबॉल कोच की नियुक्ति भी कर रखी है। वर्ष 2009 में मात्र 11 लड़कियों ने यहां के स्कूल में फुटबाल खेलना शुरू किया तो तत्कालीक सरकारी स्कूल के पीटीआई गोवर्धन शर्मा ने नोटिस किया कि लड़कियां उन लड़कों से बेहतर कर रही हैं, जिनके लिए स्कूल के पीटीआई निरंतर कबड्डी के मैदान में मेहनत कर रहे हैं।

उन्होंने कबड्डी खेलने वाले लड़कों की बजाय फुटबॉल खेलती लड़कियों पर ध्यान दिया तो इस गांव की लड़कियों ने राष्ट्रीय स्तर पर मैडल देश की झोली में डालने का काम किया। 11 लड़कियों से शुरू हुई अलखपुरा फुटबॉल की टीम अब लगभग 200 खिलाड़ियों की टीम बन चुकी है, जिनमें अधिकत्तर लड़कियां हैं। मात्र 11 सालों में जिला स्तरीय स्कूली खेलों से यहां की लड़कियां खेलो इंडिया, सुब्रतो कप, भारतीय फुटबॉल टीम, इंटर यूनिवर्सिटी खेल, सेफ गेम्स में हिस्सा ले चुकी हैं।

मिनी ब्राजील नाम से मशहूर है गांव अलखपुरा

यहां के खिलाड़ियों की उपलब्धियों को देखते हुए इस गांव को मिनी ब्राजील के नाम से जाना जाने लगा है। यहां से अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी संजु यादव, रीतू, समीक्षा जाखड़, दीपिका समौता, मुनेश राव, मंजू कस्वां, पूनम शर्मा सहित दो दर्जन भर अन्य खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को प्रतिनिधित्व दिया। खेलो इंडिया अंडर-17 तथा खेलो इंडिया में इस गांव की 12 लड़कियों ने टीम में जगह बना चुकी हैं। वर्तमान में भारतीय फुटबॉल टीम के सीनियर वर्ग में संजू, रीतू व समीक्षा जाखड़ चयनित हैं। जो 2021 में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए नेशनल कैंप में तैयारियों में जुटी हुई हैं। वहीं अंडर-17 में यहां की खिलाड़ी संतोष भारतीय फुटबॉल टीम में चयनित हैं। वर्ष 2015-16 व 2016-17 में दिल्ली के अंबेडकर कॉलेज में सुब्रतो कप को अकेले गांव अलखपुरा की लड़कियों की फुटबॉल टीम ने दो वर्ष तक लगातार जीतने का गौरव हासिल किया।

गाँव के हर घर से खिलाड़ी

पिछले 6 वर्षों से इन खिलाड़ियों के लिए महिला कोच के रूप में नियुक्त सोनिका बिजराणिया ने बताया कि गांव अलखपुरा के खेल मैदान में गांव के हर घर से लड़की फुटबाल खेलने आती है, जिसमें ग्रामीणों का बहुत बड़ा सहयोग है। खिलाड़ियों के लिए जब भी खेल के सामान जूते, ट्रैक सूट या अन्य सामान की जरूरत पड़ती है तो गांव के लोग चंदा इकट्ठा कर मदद करते हैं। इसके अलावा यहां के खिलाड़ी जब भी जीतकर गांव आते हैं तो उनका भव्य रूप से स्वागत किया जाता है। इस गांव में फुटबॉल के क्रेज को देखते हुए इसे अब मिनी ब्राजील के रूप में जाना जाता है। फुटबाल के दम पर न केवल मैडल, बल्कि दर्जनों लड़कियों ने केंद्र व राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरियां भी प्राप्त की हैं।

विभिन्न पदों पर बढ़ा रही मान

फुटबॉल के दम पर यहां की लड़कियां रेलवे, सीआरपीएफ व हरियाणा सरकार में विभिन्न पदों पर कार्य कर रही है। न केवल लड़कियां, बल्कि इस गांव के लड़के भी राष्ट्रीय स्तर पर फुटबॉल में नाम कमा चुके हैं। परन्तु जो मुकाम फुटबॉल में इस गांव की लड़कियों ने हासिल किया, वह मुकाम लड़के हासिल नहीं कर पाए। फुटबाल खिलाड़ी करूणा व ज्योति व अन्य खिलाड़ियों ने बताया कि उनके सीनियर खिलाड़ियों से प्रेरणा लेकर वे आज खेल के मैदान में मेहनत कर रही है। उन्हें उम्मीद है कि अन्य लड़कियों की तर्ज पर वे भी राष्ट्रीय स्तर पर फुटबाल में अपना स्थान तय कर पाएंगी। ग्रामीण मनदीप व सरपंच संजय ने कहा कि बेटियों किसी से कम नहीं होती, बस उन्हें मौका दीजिए।

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