इतनी छोटी सोच भी मत रखो: सुप्रीम कोर्ट | Delhi News
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत में पाकिस्तान के कलाकारों और ऐक्टर्स (Pakistani Artists and Actors) के काम करने पर पूरी तरह बैन लगाने की मांग वाली अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। यही नहीं अदालत ने याची को नसीहत देते हुए कहा कि इतनी छोटी सोच भी नहीं रखनी चाहिए। जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की बेंच ने कहा कि हम बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले में कोई दखल नहीं देना चाहते। उच्च न्यायालय ने फैज अनवर कुरैशी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि पाकिस्तान के कलाकारों को भारत में काम करने का मौका न दिया जाए। Delhi News
फैज अनवर कुरैशी खुद को सिने वर्कर बताते हैं। बेंच ने कहा कि आपको इस मांग पर ज्यादा जोर नहीं देना चाहिए। इतनी संकुचित सोच भी नहीं रखनी चाहिए। यही नहीं शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट की ओर से की गई उन टिप्पणियों को भी निकालने से इनकार कर दिया, जो उसने याची पर की थीं। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि अदालत केंद्र सरकार को आदेश दे कि वह नागरिकों, कंपनियों और एसोसिएशन्स को आदेश जारी करे कि पाकिस्तान के कलाकारों को किसी भी तरह का काम नहीं देना है। उन्होंने कहा था कि बड़ी संख्या में गीतकार, ऐक्टर, सिंगर और टेक्नीशिन समेत तमाम लोग एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में ऐसे हैं, जो पाकिस्तान के हैं और यहां पैसे कमा रहे हैं।
देशभक्ति यह नहीं कि पड़ोसी देश के लोगों से नफरत करें | Delhi News
सुप्रीम कोर्ट से पहले उच्च न्यायालय ने भी इस अर्जी को खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा था कि इस तरह की मांग करना तो पिछड़ापन है। सांस्कृतिक सौहार्द, एकता और शांति को बढ़ावा देने से यह रोकने वाला कदम है। बेंच ने कहा था कि यदि आप देशभक्त हैं तो इसका यह मतलब नहीं है कि दूसरे देशों और खासतौर पर पड़ोस के लोगों से आप नफरत करें। बेंच ने कहा था कि सच्चा देशभक्त वह होता है, जो निस्वार्थ भावना से काम करता है। यदि कोई आदमी दिल से अच्छा है तो वह देश में शांति, सौहार्द जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देगा। इसमें तो देश की सीमाएं भी नहीं देखनी चाहिए।
कला, खेल, संस्कृति की कोई सीमा नहीं
अदालत ने कहा था कि कला, खेल, संगीत, सस्कृति और नृत्य की कोई सीमा नहीं है। इन कलाओं को राष्ट्रों की सीमा में नहीं बांधा जा सकता। बेंच ने यह भी कहा था कि वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की टीम ने भी हिस्सा लिया था। इसकी वजह यही थी कि केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 51 के तहत शांति और स्थिरता की नीति को बढ़ावा दिया। Delhi News
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