Punjab Bus Strike: कच्चे कर्मियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, पीआरटीसी व पनबस को चार करोड़ से अधिक का नुक्सान

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Punjab Bus Strike: बसों के इंतजार में खड़े यात्री

लोग हुए परेशान, कर्मियों सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

पटियाला (सच कहूँ/खुशवीर सिंह तूर)। Punjab Bus Strike: पीआरटीसी व पनबस के कच्चे कर्मियों द्वारा की गई दो दिनों की हड़ताल के बाद आखिर सरकार ने पैनल मीटिंग के लिए बुला लिया है। मीटिंग मिलने के बाद अब इन कर्मियों ने 8 जनवरी की हड़ताल को खत्म कर दिया है। इधर मंगलवार को दूसरे दिन भी हड़ताल के चलते लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। पीआरटीसी को दो दिनो में 2 करोड़ से ज्यादा का नुक्सान हुआ है। उल्लेखनीय है कि पंजाब रोडवेज, पनबस व पीआरटीसी कॉन्टैÑक्ट वर्कर यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर 6 जनवरी से तीन दिनों की हड़ताल शुरु की थी और आज हड़ताल का दूसरा दिन था। Patiala News

दूसरे दिन भी कच्चे कर्मियों ने सरकारी बसों को बस स्टैंडों से बाहर नहीं निकाला जिससे आमजन को परेशानी हुई। इस हड़ताल के चलते प्राईवेट ट्रांसपोर्टरों ने जमकर चांदी कूटी व आाधर कार्ड वाली सवारियों ने काफी समय बाद प्राईवेट बसों में कदम रखा। पीआरटीसी के अधिकारियों ने दावा किया कि 40-45 फीसदी बसें नहीं चलीं, जिससे दो दिन में 2 करोड़ से अधिक की आमदन घटी है। उन्होंने कहा कि अगर बसें नहीं चली तो उनके डीजल की खपत भी नहीं हुई। पीआरटीसी की प्रतिदिन की आमदन 2 करोड़ 40 लाख के करीब है।

जबकि डीजल का खर्चा 85 लाख से ज्यादा है। वहीं आधार कार्ड वाली सवारियां रोजाना एक करोड़ से ज्यादा का सफर करती हैं। इसी तरह ही पनबस में सभी कच्चे कर्मी हैं व यहां भी दो दिन में 2 करोड़ से ज्यादा का नुक्सान हुआ है। पंजाब रोडवेज के एक नेता ने बताया कि 1600 के करीब बसें हैं, जिनमें कुछ वर्कशॉप में खराब होने के कारण खड़ी हैं। 1200 से ज्यादा बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं, जिनमें 50 फीसदी से ज्यादा बसों के कर्मी हड़ताल पर हैं। दो दिनों की हड़ताल से पीआरटीसी व पनबस को चार करोड़ से ज्यादा का नुक्सान हुआ है।

कल चलेंगी प्रतिदिन की तरह बसें | Patiala News

संगठन के नेताओं रेशम सिंह गिल व हरकेश कुमार विक्की का कहना है कि सरकार द्वारा पैनल मीटिंग का समय देने के बाद 8 जनवरी की हड़ताल खत्म कर दी गई है और अब प्रतिदिन की तरह ही बसें चलेंगी। उन्होंने कहा कि सीएम भगवंत मान के आवास पर अब कोई धरना नहीं दिया जाएगा। नेताओं ने कहा कि अगर मीटिंग दौरान उनकी मांगें नहीं मानी गई तो फिर संघर्ष करने से पीछे नहीं हटेंगे।

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