
मुंबई (सच कहूँ न्यूज़)। The Sindh Story: पाकिस्तान में हिंदू महिलाओं के अपहरण और जबरन धर्मांतरण की घटनाएं गंभीर चिंता का विषय बनी हुई हैं। सिंध प्रांत में हिंदू समुदाय की नाबालिग लड़कियों का अपहरण, जबरन धर्मांतरण और विवाह लगातार बढ़ती समस्या है। नवंबर 2024 में, मीरपुरखास के कोट गुलाम मुहम्मद गांव में 10 वर्षीय हिंदू लड़की को उसके घर के बाहर से अगवा कर जबरन इस्लाम में धर्मांतरित कर 50 वर्षीय व्यक्ति से विवाह करा दिया गया था। इसी प्रकार, सिंध प्रांत के घोटकी जिले के दहारकी शहर में होली के दिन दो नाबालिग हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्मांतरण की घटना भी सामने आई थी। इन घटनाओं ने हिंदू समुदाय के भीतर गहरी असुरक्षा की भावना उत्पन्न कर दी है। The Sindh Story
इसी पृष्ठभूमि में, प्रसिद्ध फिल्म निर्माता आनंद मनवानी की फिल्म “द सिंध स्टोरी” का प्रीमियर मुंबई के रीगल सिनेमा, कोलाबा में खुदाबादी अमिल पंचायत द्वारा आयोजित किया गया। हिंदी व सिंधी भाषा में बनाई गयी यह फिल्म पाकिस्तान में हिंदू महिलाओं की त्रासदी को उजागर करने का एक प्रभावशाली प्रयास है। इस भव्य कार्यक्रम में आर.डी. नेशनल कॉलेज की नेहा जगतियानी और एचएसएनसी बोर्ड के किशु मनसुखानी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
कार्यक्रम का आयोजन रमेश मनसुखानी, प्रदीप गिदवानी, लवीना शाहानी, किशु मनसुखानी, नम्रता आडवाणी, श्रीकांत शिवदासानी, देवेश मखीजानी और सिद्धार्थ मखीजानी खुदाबादी अमिल पंचायत की ओर से किया गया। भाजपा मुंबई की उपाध्यक्ष और पंचायत की पदाधिकारी रश्मि मिर्चंदानी ने भी अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इस विशेष शाम के कार्यक्रम का संचालन उमेश फेरवानी बहुत ही बेहतरीन तरीके से किया | The Sindh Story
फिल्म के इस प्रीमियर में निम्नलिखित प्रमुख कलाकार और क्रू सदस्य उपस्थित थे:
• निर्माता: सोना मनवानी
• लेखक: आनंद मनवानी
• निर्देशक: तारिक भट
• कलाकार: चंदा विरानी, प्रीत खत्री, राकेश कर्रा
प्रीमियर में 800 से अधिक दर्शकों ने हिस्सा लिया और फिल्म को स्टैंडिंग ओवेशन देकर उसकी कहानी और सिनेमाई उत्कृष्टता की सराहना की। इस शानदार प्रतिक्रिया के बाद, “द सिंध स्टोरी” अब अपने वैश्विक रिलीज के लिए तैयार है।
यह प्रीमियर सिंधी विरासत, संस्कृति और सिनेमा का सच्चा उत्सव था, जिसने उपस्थित सभी लोगों के मन में एक अमिट छाप छोड़ी।
यह उल्लेखनीय है कि फिल्म की कहानी एक सिंधी लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी पहचान और सुरक्षा के लिए संघर्ष करती है, समाज में अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए। उसे कमजोर समझा जाता है, लेकिन वह अपने अधिकारों और संरक्षण के लिए लड़ती है, जो महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण के व्यापक मुद्दों को उजागर करता है। कहानी दिखाती है कि कैसे महिलाओं को अक्सर दबाया जाता है और उनकी आवाज़ अनसुनी रह जाती है, जिससे चिंता और भय की भावना पैदा होती है। फिर भी, वह अपने अधिकारों के लिए खड़ी रहने के लिए दृढ़ संकल्पित रहती है, यह संदेश देते हुए कि महिलाओं को अपनी पहचान और अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए, चाहे वे किसी भी कठिनाई का सामना करें। The Sindh Story
100 मिनट की यह फिल्म, जिसे हिंदी में भी डब किया गया है, एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता की कहानी है जो वीजा प्राप्त करने के बाद पाकिस्तान पहुंचती है। अपहृत महिलाओं की कहानी का पता लगाते हुए, वह स्वयं इस त्रासदी का शिकार बन जाती है। फिल्म की शूटिंग मुंबई में की गई है और कुछ दृश्य गुप्त रूप से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भी फिल्माए गए हैं।
“द सिंध स्टोरी” ऐसी ही घटनाओं को उजागर करती है, जो महिलाओं के संघर्ष और सशक्तिकरण की कहानी को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करती है।
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