Welfare Work: 55 दिनों तक संभाल, 2500 किलोमीटर दूर आंध्रप्रदेश में जाकर मानसिक रोगी को अपनों से मिलवाया

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Sangaria News: 55 दिनों तक संभाल, 2500 किलोमीटर दूर आंध्रप्रदेश में जाकर मानसिक रोगी को अपनों से मिलवाया

सड़क पर बेसहारा घूमने वालों के लिए वरदान बनी डेरा सच्चा सौदा की ‘इंसानियत’ मुहिम | Sangaria News

  • 10 वर्ष बाद अपने घर पहुंचा आंध्र प्रदेश निवासी ब्रह्म प्रसाद

संगरिया (सच कहूँ/सुरेंद्र जग्गा)। Welfare Work: अध्यात्म के साथ इंसानियत की बेमिसाल सेवा कर रहे डेरा सच्चा सौदा की ‘इंसानियत’ मुहिम पर चलते हुए राजस्थान के संगरिया ब्लाक के सेवादारों ने मानसिक रूप से परेशान बेसहारा व्यक्ति की 55 दिनों तक संभाल की। उसके परिजनों की तलाश की और आंध्रप्रदेश में रह रहे उसके परिजनों को खोजने के बाद करीब 2500 किलोमीटर दूर जाकर उसे सकुशल अपनों से मिलवाया। 10 सालों की लंबी अवधि के बाद जब परिजन ‘ब्र्रह्म प्रकाश’ से मिले तो उनकी आंखें खुशी से छलक उठी। परिजन उसके जीवित रहने की आस भी छोड़ चुके थे। Sangaria News

जानकारी के अनुसार बीती 13 फरवरी 2025 को हनुमानगढ़ रोड पर करीब 50 वर्षीय अधेड़ उम्र का व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान दयनीय दशा में घूम रहा था। हनुमानगढ़ के सेवादार भाइयों ने उसे देखा तो इसकी सूचना संगरिया के सेवादार भाइयों को दी। सेवादारों ने मौके पर जाकर उस व्यक्ति की संभाल की और उसके बारे में सूचना पुलिस थाना में देने के बाद उसे संगरिया के मानवता भलाई केन्द्र में लेकर आए। जहां उसे नहलाया तथा डॉक्टर को दिखाकर उसका उपचार शुरू करवाया। करीब डेढ़ महीने की सेवाश्रृषा से हालत में कुछ सुधार होने के बाद उक्त व्यक्ति ने अपना ब्रह्म प्रसाद निवासी आंध्र प्रदेश बताया। Sangaria News

उसके बताए अनुसार सेवादार भाई उसके परिजनों का पता लगाने के लिए सोशल मीडिया और पुलिस प्रशासन के सहयोग से जुट गए। उसकी भाषा समझ में न आने के कारण परिजनों का पता लगाने में काफी समय लग गया। सेवादारों की अथक मेहनत के बाद लगभग 55 दिनों के बाद पूज्य गुरु जी की रहमत से डेरा सच्चा सौदा के 85 मेंबर कमेटी सेवादार रामफल इन्सां के सहयोग से आंध्र प्रदेश के एक्यूवीड़ू में रहने वाले ब्रह्म प्रसाद के जीजा रामनिवास व बहन ज्योति से फोन पर संपर्क हुआ। उन्होंने बताया कि ब्रह्म प्रसाद मानसिक परेशानी की हालत में करीब 10 साल पहले बिना बताए घर से चला गया था। कई जगह तलाश की लेकिन कहीं कोई पता नहीं चला। Sangaria News

उन्होंने बताया कि हमारी सभी उम्मीदें खत्म हो चुकी थी, तथा उन्होंने ब्रह्म प्रकाश के जीवित रहने की आस भी छोड़ दी थी। ब्रह्म प्रसाद को सही सलामत पाकर उसकी बहन ज्योति की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा और उसकी आंखें खुशी से छलक उठी।

आध्र प्रदेश पुलिस व ब्रह्मप्रकाश के परिजनों ने पूज्य गुरुजी व सेवादारों का जताया आभार

आंध्रप्रदेश के पुलिस प्रशासन अधिकारी व ब्रह्म प्रकाश के परिजनों ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां व सेवादारों की भरपूर प्रशंसा करते हुए कहा कि धन्य है आप सेवादार और धन्य है आपके पूज्य गुरुजी जो आपको ऐसी शिक्षाएं देते हैं । इस सेवा कार्य में मुख्य रूप से शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर कमेटी के जिम्मेवार भाई लालचंद इन्सां, महेश गोयल इन्सां, जगजीत सिंह इन्सां लंबी ढाब,अमरा राम इन्सां, सुखदेव इन्सां, हरबंस इन्सां, देव इन्सां, रंजीत इन्सां, हरिराम इन्सां,15 मैंबर कमेटी सेवादार प्रबल गोयल इन्सां, गुरचरण इन्सां, सुरजीत इन्सां, ब्लॉक प्रेमी सेवक ओम प्रकाश बुडानिया इन्सां, पवन इन्सां व सुरेन्द्र जग्गा इन्सां का सहयोग रहा।

‘‘इंसानियत’ मुहिम के तहत अब 200 से अधिक मानसिक रोगियों को अपनों से मिलवा चुके हैं संगरिया ब्लाक के सेवादार | Sangaria News

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने सड़क पर बेसहारा घूमने वाले मानसिक रूप से परेशान लोगों की सुध लेने के लिए ‘इंसानियत’ मुहिम चलाई। मुहिम के तहत ऐसे लोगों की सार संभाल कर व दवाई इत्यादि दिलवाकर उसके परिजनों की तलाश करना और उन्हें सकुशल उनके अपनों तक पहुंचाना है। इस मुहिम के तहत संगरिया ब्लाक के सेवादार सराहनीय कार्य कर रहे हैं।

ब्लाक के जिम्मेवारों का कहना है कि पूज्य गुरुजी के पावन आशीर्वाद से वे अब तक 200 से अधिक मानसिक रोगियों की संभाल कर उन्हें सकुशल उनके परिजनों तक पहुंचा चुके हैं। अनेक मानसिक रोगियों को तो वे सैंकड़ों व हजारों किलोमीटर का सफर तय कर उनके घर तक छोड़कर भी आएं हैं।

घर तक छोड़ने गए सेवादार भाई

संगरिया से आंध्र प्रदेश की दूरी लगभग 2500 किलोमीटर थी और उसके परिवार में ऐसा कोई भी सदस्य नहीं था जो इतनी दूरी का सफर तय करके यहां तक पहुंच पाए। ऐसे में मंदबुद्धि भाई के परिजनों ने यहां आने में अपनी असमर्थता जताई तो इंसानियत के सच्चे योद्धा शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर कमेटी के लालचंद इन्सां और महेश गोयल इन्सां ने आंध्र प्रदेश जाने का निर्णय लिया। इस प्रकार आने जाने का करीब 5000 किलोमीटर का सफर तय करते हुए वहां के पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में ब्रह्म प्रसाद को उसकी बहन ज्योति व बहनोई रामनिवास को सुरक्षित सौंपकर वापस लौटे।

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