शुक्रवार को हथिनीकुंड बैराज से यमुना में छोड़ा गया 54,673 क्यूसेक पानी, जलस्तर में अभी और गिरावट आने की संभावना
कैराना। अपने रौद्र रूप से प्रशासन व तटवर्ती इलाकों के बाशिंदों को डरा रही यमुना नदी (yamuna river) की उफनती लहरें अब धीरे-धीरे शांत होने लगी हैं। शुक्रवार को यमुना का बहाव खतरे के निशान से करीब 20 सेंटीमीटर नीचे आ गया। वही, हथिनीकुंड बैराज से भी 54,673 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है, जिससे कैराना क्षेत्र से बह रही यमुना के जलस्तर में अभी और गिरावट आने की संभावना है। उधर, यमुना के घटते जलस्तर से प्रशासन एवं तटवर्ती क्षेत्र के लोग राहत महसूस कर रहे है। yamuna river
हथिनीकुंड बैराज से निरन्तर छोड़े जा रहे पानी के चलते यमुना नदी कैराना क्षेत्र में उफान पर आ गई थी। यमुना में प्रवाहित किए गए पानी ने खादर क्षेत्र में भारी तबाही मचाई थी। गांव सहपत में यमुना का तटबंध क्षतिग्रस्त होने के साथ ही तटवर्ती क्षेत्र की हजारों बीघा फसलें जलमग्न हो गई थी। हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ने का सिलसिला लगातार जारी था, जिससे क्षेत्र में बाढ़ आने की आशंका के चलते प्रशासन तथा निचले इलाकों में रहने वाले लोगो की सांसें अटक गई थी। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट करने के साथ ही विषम परिस्थितियों से निपटने की तैयारी शुरू कर दी थी। हालांकि विगत दो दिनों से हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा में काफी कमी आई है, जिससे यमुना के बहाव में गिरावट दर्ज की गई। yamuna river
क्षेत्र में खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर ऊपर बह रही यमुना का जलस्तर गुरुवार शाम पांच बजे घटकर 231.76 मीटर पर आ गया था। शुक्रवार को भी यमुना के बहाव में 46 सेंटीमीटर की गिरावट आई। शाम चार बजे कैराना में यमुना का जलस्तर 231.30 मीटर दर्ज किया गया। यहां सूचकांक में यमुना का चेतावनी बिंदु 231.00 मीटर तथा खतरे के निशान 231.50 मीटर पर निर्धारित किया गया हैं। yamuna river
यमुना का जलस्तर घटने से प्रशासन व खादर क्षेत्र के लोगो ने राहत की सांस ली है। वही, ड्रेनेज विभाग के सहायक अभियंता राजेन्द्र सिंह ने बताया कि शुक्रवार को हथिनीकुंड बैराज से सुबह सात बजे 54,673 क्यूसेक, आठ बजे 53,398 क्यूसेक, दस बजे 52,042 क्यूसेक, 11 बजे 54,554 क्यूसेक, दोपहर एक बजे 43,829 क्यूसेक तथा दोपहर बाद तीन बजे 47,485 क्यूसेक पानी यमुना में डिस्चार्ज किया गया। उन्होंने बताया कि यमुना में प्रवाहित किए जाने वाले पानी की मात्रा काफी कम हुई है। इससे जलस्तर में और गिरावट आने की संभावना हैं। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है। हालांकि, ड्रेनेज विभाग की ओर से यमुना तटबंध पर निरन्तर पेट्रोलिंग की जा रही है।
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