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तैयारियों के लिहाज से इस बार मंत्रालय पर किस तरह की चुनौतियां रहीं?
पांचवा योग दिवस भी पूर्व की तरह सफल रहा। योग मानव जीवन के स्वास्थ्य से सीधा संबंध रखता है। हम इस मुहिम को जनजागरण में तब्दील करना चाहते हैं। पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन दिल्ली में किया गया था जिसमें 15 हजार लोग शामिल हुए थे, दूसरा चंडीगढ़ में हुआ जिसमें 36 हजार लोगों ने भाग लिया था। वैसे ही तीसरे, चौथे और पांचवें संस्करण में लोगों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। इस बार का सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम रांची में किया गया इसमें 51 हजार लोग शामिल हुए। आयोजन को सफल बनाने के लिए आयुष मंत्रालय पिछले तीन माह से कड़ी मेहनत की, जिसका नतीजा सामने है।
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रांची के अलावा देश के दूसरी जगहों की कैसी रिपोर्ट आई?
प्रधानमंत्री के आज्ञानुसार सरकार के सभी मंत्रियों और नेताओं को अपने-अपने जिलों में रहने के निर्देश जारी किए गए थे। मंत्री और विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में रह कर योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया। मंत्रियों ने अपने प्रभार क्षेत्रों में कार्यकतार्ओं और आमजनों के साथ योग में भाग लिया। पुराने दिग्गज मंत्रियों से लेकर नए और पहली बार मंत्री बने सभी इस सूची में शामिल किए गए हैं। इस काम की जिम्मेवारी संगठन महामंत्रियों को सौंपी गई थी। 21 तारीख से पूर्व सभी मंत्रियों ने योग दिवस की तैयारियों का बकायदा जायजा भी लिया। उन्होंने सभी कार्यकतार्ओं को आवश्यक दिशानिर्देश दिए थे कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर सभी पार्टी कार्यकतार्ओं को योग करने को कहें।
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आयोजन में खर्च भी काफी आया होगा?
सामूहिक योगाभ्यास पर करीब 50 करोड़ के आसपास खर्च का अनुमान लगाया है। इसमें शामिल होने वाले सभी लोगों को सरकार की ओर से टी-शर्ट मुहैया कराई गईं। योग का बजट स्वास्थ्य बजट से अटैच है। सामूहिक योगाभ्यास के लिए देश के सैकड़ों एनजीओ को शामिल किया गया था। आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, बाबा रामदेव की पूरी टीम, सिद्व और होम्योपैथी सभी स्वास्थ्य विधाओं को आयोजन को सफल बनाने की जिम्मेवारी दी गई थी। पांचवें योग कार्यक्रम के लिए जनसमूह का उमड़ना बताता है कि स्वास्थ्य के प्रति लोग कितने जागरूक हो रहे हैं। पिछले चार सालों में देश के 13 करोड़ लोगों ने योग को नियमित रूप से अपना लिया है। भारत सरकार के माध्यम से पूरे संसार में योग की अलख जगी, यह हमारे लिए गर्व वाली बात है।
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योग पर अब सियायी रंग भी चढ़ने लगा है?
यह इसलिए कह सकते हैं कि विपक्षी दल योग दिवस के दिन खुद को दूर रखते हैं। ज्यादा रूचि नहीं लेते। जबकि कायदा तो यही बनता है स्वास्थ्य से जुड़ी चीजों को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए। मोदी सरकार योग के माध्यम से पूरे भारत को रोगमुक्त करना चाहती है। समाज में एक स्वस्थ्य संदेश का प्रचार हो रहा है। पार्टी से जुड़ने वाले नए लोग प्रधानमंत्री के आह्वान पर उनके साथ योग करते हैं जो उनका व्यक्तिगत मसला कहा जाएगा। लेकिन इतना तय है इसकी आड़ में हमारा राजनीति करने का कतई मकसद नहीं है।
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अब तक संभाले गए पद
1988-90: महासचिव, भाजपा गोवा प्रदेश
1990-95: अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी, गोवा
1995-96: नेता, भाजपा विधायक दल
1999: 13वीं लोक सभा के लिए चुने गए
2001: केंद्रीय राज्य मंत्री, कृषि
2004: 14वीं लोक सभा के लिए पुन: निर्वाचित
2007: सदस्य, संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के सदस्य समिति
2009: 15वीं लोक सभा के लिए पुन: निर्वाचित
2012-13: सदस्य, लोक लेखा समिति
2014 : केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आयुर्वेद , योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध तथा होमियोपैथी आयुष मंत्रालय; केंद्रीय राज्य मंत्री, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय।
2019 : केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रक्षा मंत्रालय।
-रमेश ठाकुर
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