चंडीगढ़ l पंजाब में कोविड के मामलों में आई गिरावट के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जेलों में कोविड से निपटने के लिए गठित की गई उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने कैदियों की पैरोल में आगे और वृद्धि न किए जाने का फैसला लिया है और 17 फरवरी से कैदियों के जेल लौटने की प्रक्रिया शुरू होगी।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश अजय तिवाड़ी की अध्यक्षता वाली समिति जिसमें प्रमुख सचिव (जेल) डी.के. तिवाड़ी और एडीजीपी (जेल) पीके सिन्हा शामिल हैं, ने पैरोल पर गए सभी कैदियों के जेलों में वापस रिपोर्ट करने की सिफारिश की है। इस समिति को पैरोल से वापस लौटने वाले कैदियों की टेस्टिंग और उनको अपनी जेलों में स्थानांतरित करने से पहले एकांतवास में रखने के लिए अधिकृत किया गया है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए जेल विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह सारी प्रक्रिया चरणबद्ध ढंग से की जाएगी और यह 17 फरवरी से शुरू होगी, जिसके लिए ‘फर्स्ट आऊट-फर्स्ट इन’ विधि अपनाई जाएगी, यानी जो कैदी सबसे लम्बे समय तक पैरोल पर रहा है, उसको जेल में सबसे पहले रिपोर्ट करना होगा।
कैदियों को कोविड टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट देनी होगी
प्रवक्ता ने आगे बताया कि हर 9-10 दिनों के अंदर एक बैच में तकरीबन 650-700 कैदियों की वापसी सम्बन्धी शड्यूल सभी संबंधित अधिकारियों को भेजा गया है। प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘‘पैरोल पर गए सभी कैदियों को वापस रिपोर्ट करने से पहले 3 दिनों के अंदर एक कोविड टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट (सिर्फ आरटी-पीसीआर) के साथ निर्धारित जेल (पुरुषों के लिए बरनाला या पठानकोट, औरतों के लिए मलेरकोटला) में रिपोर्ट करना होगा। उन्होंने बताया कि कैदियों को जेल में 4 दिनों (वापस रिपोर्ट करने के दिन समेत) एकांतवास में रखा जाएगा और 5वें दिन उनके कोविड सैंपल लिए जाएंगे l
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