सोनीपत (सच कहूँ/हेमंत कुमार)। Haryana Highway: हरियाणा के गोहाना शहर में पश्चिमी बाइपास निर्माण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है, जिसका मुख्य श्रेय स्थानीय विधायक और राज्य के कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा के अथक प्रयासों को जाता है। इस बाइपास के बनने से न केवल शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि इससे आसपास के गांवों को भी फायदा होगा।
बाइपास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी | Haryana Highway
पश्चिमी बाइपास के निर्माण को लेकर मंगलवार को एसडीएम गोहाना, आईएएस अंजलि श्रोत्रिया की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राजस्व, लोक निर्माण विभाग और पंचायत विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए। इस बाइपास का मार्ग पांच प्रमुख गांवों से होकर गुजरेगा, जिनमें माहरा, ठसका, आहुलाना, हसनगढ़-गोहाना और खन्दराई शामिल हैं। प्रशासनिक टीम ने इस मार्ग के चयन पर विचार-विमर्श करने के बाद इन गांवों में दौरे की योजना बनाई है ताकि बाइपास की सही दिशा तय की जा सके।
पश्चिमी बाइपास का निर्माण मुख्य रूप से गोहाना के रोहतक रोड को जींद रोड से जोड़ने के उद्देश्य से किया जाएगा। इससे न केवल गोहाना शहर के भीतर से आने-जाने वाले वाहनों की संख्या में कमी आएगी, बल्कि शहर के बाहर जाने वाले यात्री भी आसानी से अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे। यह बाइपास शहर के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा, जो जाम और प्रदूषण की समस्या को कम करेगा।
किसानों के लिए विशेष पहल
सोनीपत प्रशासन ने किसानों के लिए एक नई सुविधा शुरू की है, जिसके तहत वे अपनी भूमि की कीमत का मूल्यांकन स्वेच्छा से कर सकते हैं। किसान अब किसान ई-भूमि पोर्टल का उपयोग करके अपनी जमीन का मूल्य खुद निर्धारित कर पाएंगे। यह पोर्टल किसानों को भूमि के मूल्य निर्धारण में मदद करेगा, जिससे उन्हें अपनी जमीन का सही मूल्य मिलने में आसानी होगी।
यह पहल किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, क्योंकि अब उन्हें अपनी भूमि के मूल्य का निर्धारण खुद करने का अधिकार मिलेगा। इससे उन्हें भूमि के बिकने या खरीदने में कोई धोखाधड़ी नहीं होगी और वे अपनी संपत्ति को सही मूल्य पर बेच सकेंगे। Haryana Highway
गोहाना में पश्चिमी बाइपास का निर्माण और किसानों के लिए भूमि मूल्य निर्धारण की नई सुविधा, दोनों ही स्थानीय लोगों और किसानों के लिए बड़ी सौगात साबित हो सकती है। इस कदम से जहां शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा, वहीं किसानों को अपनी संपत्ति का सही मूल्य भी मिल पाएगा। प्रशासन का यह प्रयास निश्चित ही क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करेगा।
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