तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए निजी क्षेत्र को नवोन्मेष पर ध्यान देने की जरुरत

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नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। आर्थिक समीक्षा 2020-21 में अनुसंधान और विकास में निजी क्षेत्र का योगदान बढ़ाकर 50 प्रतिशत से अधिक करने का आह्वान करते हुए कहा गया है कि भारत को संस्थानों और व्यापार को अनुकूल बनाने के संबंध में अपनी कार्य प्रणाली में सुधार पर विशेष ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक समीक्षा, 2020-21 पेश करते हुए कहा कि भारत को उच्च वृद्धि हासिल करने का रास्ता अपनाने और निकट भविष्य में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए नवोन्मेष पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी। इसके लिए अनुसंधान और विकास पर कुल व्यय वर्तमान में जीडीपी के 0.7 प्रतिशत से बढ़ाकर सकल घरेलू व्यय के कम से कम औसत स्तर दो प्रतिशत से अधिक की अन्य शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं तक बढ़ाने की आवश्यकता है। इसमें आर एंड डी कर्मियों और देश के अनुसंधानकतार्ओं खासतौर से निजी क्षेत्र के लोगों को उचित तरीके से शामिल करने का आह्वान किया गया है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में वैश्विक नवोन्मेष सूचकांक के अस्तित्व में आने के बाद 2020 में पहली बार भारत 50 शीर्ष नवोन्मेषी देशों में शामिल हो गया। 2020 में भारत का रैंक सुधरकर 48 पर आ गया, जो 2015 में 81 पर था। भारत मध्य और दक्षिण एशिया में पहले नम्बर पर और निम्न मध्यम आय वर्ग की अर्थव्यवस्थाओं में तीसरे नम्बर पर रहा।

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