1970 में वारंगल जिले के एक गरीब परिवार में जन्मी ज्योति रेड्डी के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए उनकी मां ने उन्हें अनाथालय भेज दिया। यहां मेधावी ज्योति ने अपनी मेहनत से अनाथालय अधीक्षक का दिल जीत लिया और अधीक्षक ने उसे अपने घर में बर्तन धोने और साफ-सफाई के काम पर लगा लिया। अनाथालय में काम करने के साथ-साथ ज्योति ने अपनी पढ़ाई भी की। दिन-रात मेहनत करके उन्होंने सरकारी स्कूल से 10वीं पास की और टाइपराइटिंग भी सीखी। Flight of Spirits
कुछ साल बाद जब ज्योति अनाथालय से घर लौटी तो परिवार ने 16 साल की उम्र में उनकी जबरन शादी कर दी। 18 साल की उम्र में वह दो बेटियों की मां बन गई। शादी के बाद अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने और बच्चों का पेट भरने के लिए उन्होंने खेतों में मजदूरी करना शुरू कर दिया। खेतों में काम करने के बदले में उन्हें 5 रुपये की दैनिक मजदूरी मिलती थी। इतने कम पैसों में घर का खर्च चलाना संभव नहीं था। कई बार ज्योति को भूखा भी रहना पड़ता था इसलिए उन्होंने एक रुपये प्रति पेटीकोट की दर से सिलाई का काम शुरू किया। Key Software Solutions
कुछ समय उन्हें बाथरूम क्लीनिंग तक का काम करना पड़ा
इसी दौरान ज्योति को केंद्र सरकार की एक योजना के तहत नेहरू युवा केंद्र से जुड़ने का मौका मिला। इस संस्थान से जुड़कर उन्होंने फिर से अपनी पढ़ाई शुरू की। 1992 में बीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें एक स्कूल में नौकरी मिल गई। बाद में उन्होंने अन्ना विश्वविद्यालय से बी.एड की डिग्री प्राप्त की और एक सरकारी शिक्षिका बन गई। साल 2000 में अमेरिका में रहने वाली उनकी एक रिश्तेदार गांव आई और उनसे बातचीत के बाद ज्योति ने बच्चियों की बेहतर परवरिश और विदेश में तरक्की की ज्यादा संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए अमेरिका जाने का निश्चय कर लिया।
अमेरिका में उन्होंने शुरू में वीडियो शॉप में सेल्सगर्ल की नौकरी की और फिर सियामेरिका नामक कंपनी में रिक्रूटर की जॉब भी की। अमेरिका में नौकरी करते हुए उन्हें आईसीएसए नामक कंपनी से बेहतर पैकेज पर जॉब आॅफर मिला। लेकिन वर्किंग वीजा न होने के कारण उन्हें यह नौकरी छोड़नी पड़ी, तब कुछ समय उन्हें बाथरूम क्लीनिंग तक का काम करना पड़ा। वर्किंग वीजा पाने के लिए ज्योति मैक्सिको गई। लेकिन वहां भी वीजा पाने में कई तरह के पापड़ बेलने पड़े। इतना संघर्ष करने पर उन्हें वीजा लेने के लिए क्या-क्या पेपर चाहिए इसका ज्ञान हो गया था। तब उन्होंने अपनी कंसल्टेंसी फर्म खोलकर बिजनेस में हाथ आजमाने का सोचा। Flight of Spirits
साल 2001 में उन्होंने 4000 डॉलर की बचत के साथ अमेरिका के फीनिक्स में अपनी खुद की कंसल्टेंसी फर्म खोली, जो उनकी कड़ी मेहनत के कारण अच्छा चलने लगी और फिर उन्होंने Key Software Solutions नाम से एक सॉफ्टवेयर कंपनी शुरू की, जो आज अमेरिका की बड़ी-बड़ी कंपनियों को आईटी सपोर्ट मुहैया कराती है और ज्योति खुद उस कंपनी की सीईओ है। Flight of Spirits
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