आगामी पांच वर्षों में विश्व में 1.5 डिग्री से अधिक गर्मी पड़ने की संभावना
लंदन (एजेंसी)। ग्लोबल वार्मिंग के खतरों के बीच अगले पांच वर्षों में विश्व भर में 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है। ब्रिटेन के मौसम विभाग ने यह भविष्यवाणी की है। बीबीसी ने विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तापमान में वृद्धि भले ही अस्थायी हो सकती है , लेकिन इसका बढ़ता जाना चिंताजनक है।
शोधकतार्ओं के मुताबिक 2022 से 2026 की अवधि में रिकॉर्ड सबसे गर्म वर्ष होगा। इससे पहले पिछले सात सालों में वैश्विक तापमान 2016 और 2020 में सबसे गर्म वर्षों के साथ एक डिग्री सेल्सियस अथवा उसके आसपास रहा। वहीं 2015 में वैश्विक नेताओं ने पेरिस जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किये थे, जो वैश्विक तापमान में वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे लाने और उसे 1.5 डिग्री सेल्सियस के नीचे रखने के प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्धता जतायी गयी थी।
आज गौर नहीं किया बहुत जल्द धरती का तापमान टिप्पिंग पॉइंट पर पहुंच जाएग
डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेटेरी तालास ने इस बारे में कहा है कि यह आंकड़ों से बढ़कर हैं। बढ़ते तापमान का मतलब है, कहीं अधिक मात्रा में बर्फ का पिघलना, समुद्र के जल स्तर का बढ़ना, हीटवेव का बढ़ना, साथ ही मौसम की चरम घटनाओं का और विनाशकारी होना हैे जिसका असर खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और सतत विकास पर पड़ेगा। उनके अनुसार यह यह एक बार फिर हमें आगाह करती है कि दुनिया को बढ़ते उत्सर्जन में कमी लाने की तुरंत जरुरत है।
यदि इन सब पर गौर करें तो तापमान में पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा तेजी से बदलाव आ रहा है जिसका खामियाजा हमें ही भुगतना पड़ रहा है यदि हमने इन सब चेतावनियों पर आज गौर नहीं किया बहुत जल्द धरती का तापमान टिप्पिंग पॉइंट पर पहुंच जाएगा, तब हमारे पास इससे निपटने का कोई मौका भी नहीं बचेगा।
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