स्पेन के उत्तर पूर्व में स्थित दूसरा सबसे बड़ा तटवर्ती राज्य कैटालोनिया अपनी आजादी को लेकर जारी संघर्ष में एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। इसी एक अक्टूबर को हुए जनमत संग्रह में कैटालोनिया के 90 फीसदी लोगों ने स्पेन से अलग होने के पक्ष में मतदान किया है। हालांकि स्पेन के मौजूदा प्रधानमंत्री और उनकी सरकार ने इस जनमत संग्रह के फैसले को बलपूर्वक दबाने के लिए सभी जरूरी हथकंडे अपनाए, बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोगों ने स्पेन से अलग होने के लिए किये गये जनमत संग्रह में कैटालोनिया की आजादी का समर्थन किया।
जनमत संग्रह में लगभग 23 लाख (40 फीसदी मतदाता) लोगों ने मतदान में भाग लिया और 90 प्रतिशत से अधिक लोगो ने स्पेन से अलग होने के पक्ष मे मतदान किया। 5 लाख 5 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल और पौने 5 करोड़ जनसंख्या वाला देश स्पेन 17 स्वायतशासी क्षेत्रों व प्रदेशों वाला एक संसदीय राजतंत्र है। इसके उत्तर में स्थित दो प्रदेश बास्कलैंड और कैटालोनिया पिछले लंबे समय से अपनी आजादी के लिए संघर्षरत हैंं। इससे पहले घटे घटनाक्रम में कैटालोनिया की प्रादेशिक सरकार ने 6 सितंबर को एक शासकीय आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया कि 1 अक्टूबर को प्रदेशभर में लोगों की इस राय को जानने के लिए जनमत संग्रह करवाया जाएगा कि क्या कैटालोनिया को स्पेन से अलग व स्वतंत्र राज्य होना चाहिए या नहीं?
आदेश में यह भी कहा गया कि जनमत संग्रह का परिणाम चाहे जो भी आए राज्य सरकार उससे बंधी होगी। अगर जनमत संग्रह में जनता की राय स्पेन से अलग होने के पक्ष में आती है तो प्रदेश सरकार 48 घंटों के भीतर ही, यानी तीन अक्टूबर तक कैटालोनिया को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर देगी। दूसरी ओर मैड्रिड स्थित स्पेन के सर्वोच्च न्यायालय ने कैटालोनिया सरकार के शासकीय आदेश को इस आधार पर अवैध घोषित कर दिया कि संविधान में देश की अखंडता को अक्षुण बनाये रखने की बात कही गयी है।
कैटालोनिया स्पेन का सर्वाधिक सपन्न और दूसरा सबसे बड़ा प्रदेश है। इसकी जनसंख्या 74 लाख है। यह क्षेत्र स्पेन के विकास का प्रमुख केन्द्र है। स्पेन के सकल घरेलू उत्पाद में कैटालोनिया का योगदान 20 प्रतिशत के बराबर है। बेरोजगारी भी स्पेन के अन्य प्रदेशों से कम है। प्रतिव्यक्ति आय के मामले में भी कैटालोनिया स्पेन के दूसरे राज्यों से अधिक सपन्न है, ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि कैटालोनिया के लोग स्पेन से अलग क्यों होना चाहते हैं? इसके कुछ कारण स्पेन व कैटालोनिया के इतिहास में छिपे है, तो कुछ कारण मौजूदा प्रशासनिक व राजव्यवस्था में दिखाई देते हैं।
पहला कारण तो यह कि इतिहास में एक समय ऐसा था जब कैटालोनिया के लोग एक स्वतंत्र देश के नागरिक के रूप में रहे हैं, स्वतंत्र देश के नागरिक के रूप में जिन सुखसुविधाओं का उपभोग उनके पुरखों ने किया था आज के कतालन नागरिक भी उन सुविधाओं का उपभोग करना चाहते है।
दूसरा यहां के लोग अपनी भाषा व अपनी संस्कृति से बेइंतहा प्रेम करते हैं, ऐसे में जब -जब उनकी स्वतंत्रता को छीना गया तब- तब उनकी भाषा और संस्कृति का गला घोंटा गया। भाषा और संस्कृति से छेड़छाड़ के प्रयास कतालन लोगों के लिए अब असहनीय हो गया। तृतीय, जनरल फ्रांको की तानाशाही के समय स्पेन के कोने कोने से 20 लाख से अधिक लोेगों को उनकी भूमि पर बसाया गया आज वही लोग उनकी स्वतंत्रता का विरोध कर रहे है। चतुर्थ, वर्ष 2006 में स्पेन में सोशलिस्ट पार्टी की सरकार के समय एक नया स्वायत समझौता हुआ।
इस समझौते के तहत कैटालोनिया को एक स्वायतशासी प्रदेश घोषित किया जाना था। इस समझौते पर स्पेन की संसद और कैटालोनिया की विधानसभा ने भी मुहर लगा दी। कैटालोनिया की जनता ने भी एक जनमत संग्रह में उसका अनुमोदन कर दिया था। लेकिन वर्तमान स्पेनी प्रधानमंत्री मारियानो राखोय की अनुदारवादी पार्टी (पोपुलार जनता पार्टी) ने समझौते को अदालत में चुनौती दी। 2010 में स्पेन के सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान की व्याख्या करते कहा कि कैटालोनिया को एक राष्ट्र का दर्जा दिये जाने का कोई कानूनी आधार नहीं है, इसलिए एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में किये गए समझौते की बहुत सी धाराए अवैध है।
सर्वोच्च अदालत के इस निर्णय से कतालन की जनता की भावनाए आहत हुई। नतिजतन कैटालोनिया के नागरिक पूर्ण स्वतंत्रा की मांग करने लगे। पांचवा कारण कतालन लोगों की रोजी-रोटी व पेट से जुड़ा हुआ है। यूरो मुद्रा वाले देशोंं में यूनान के बाद अब स्पेन ही ऐसा राष्ट्र है जो आर्थिक दीवालियेपन के नजदीक है। आर्थिक मंदी से उबरने के लिए सरकार ने खर्च में कटौतियों का जो निर्णय किया उससे कैटालोनिया व बास्कलैंड जैसे खुशहाल प्रदेश सबसे अधिक प्रभावित हुए। वे अपनी वित्तीय ंहिस्सेदारी को स्पेन के अन्य प्रदेशों के साथ बाटने के लिए तैयार नहीं है।
दूसरी ओर स्पेन की शासन व्यवस्था और वहां का संविधान ईकाईयों को संघ से अलग होने की इजाजत नहीं देता हैै। ऐसे में कतालन लोगों को अपनी आजादी के लिए आरंभ किये गये आंदोलन का प्रतिफल कब प्राप्त होगा कहा नहीं जा सकता है। यद्यपि 1978 से लागू लोकतांत्रिक राजशाही वाले स्पेन के वर्तमान संविधान में कैटालोनिया को एक स्वयातशासी प्रदेश का दर्जा तो दे दिया गया है।
लेकिन उनकी एक स्वतंत्र प्रदेश की मांग की राह इतनी आसान नहीं है, जिसको कैटालोनिया के नागरिक गांधीवादी सिंद्वातों के मार्फत प्राप्त करना चाहते है। सच तो यह है कि जब तक स्पेन की सरकार और वहां का संविधान कैटालोनिया की स्वतंत्रता का समर्थन नहीें करेगे तब तक कैटालोनिया एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में विश्व मानचित्र पर उभर पाएगा इसमें सन्देह है?
-एन.के. सोमानी