बर्फ पिघलने के साथ ही कश्मीर में घुसपैठ शुरू हो जाती है, इस घुसपैठ में विदेशी आतंकी एवं स्थानीय कश्मीरी युवा पाकिसतान कश्मीर से आतंकी प्रशिक्षण लेकर नियंत्रण रेखा के इस तरफ के कश्मीर में हिंसक घटनाओं को अंजाम देते हैं। रविवार की सुबह इन्हीं घुसपैठियों से एक मुठभेड़ में सेना के अफसरों व जवानों सहित देश ने पांच जांबाज लोगों को खो दिया है। पूरी दुनिया यहां कोरोना की महामारी से लड़ रही है, वहीं पाकिस्तान व भारत भी कोरोना की चपेट में है लेकिन पाकिस्तान भारत में अपने आतंकी लगातार भेज रहा है।
पिछले साल पुलवामा हमले के बाद भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राईक से आतंकी घटनाओं में कुछ विराम आया था, फिर भारत द्वारा कश्मीर से धारा 370 खत्म करना एवं कश्मीर को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांटने से आतंकियों की राजनीतिक शह की भी कमर टूट गई थी। धारा 370 के बाद करीब छह महीने तक कश्मीर में पूर्ण शांति रही लेकिन पाकिस्तान को इससे काफी पीड़ा हो रही थी, सो बर्फ हटते ही पाक की ओर से गोलीबारी व घुसपैठ की घटनाओं में एकदम से वृद्धि हुई है। अप्रैल के शुरू से अब तक 40 के करीब आतंकी सेना व पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। घुसपैठ व सीमापार की गोलीबारी से कश्मीरी बुरी तरह से परेशान हो गए हैं। चूंकि कोरोना की वजह से लॉकडाउन है, लोग घरों में रहने को मजबूर हैं, थोड़े बहुत समय की जो राहत मिलती है उसमें सीमापार की गोलाबारी से जान पर बन आती है। आतंकी व पाकिस्तान जानते हैं कि वह इस लड़ाई में कभी भी जीत नहीं पाएंगे लेकिन उन्हें उम्मीद इसीलिए है कि कुछ गुमराह कश्मीरी ही अपने घर को आग में झोंक रहे हैं। इस समस्या का एकमात्र हल पाक अधिकृत कश्मीर को वापिस पाने से ही संभव होगा।
भारत जब तक अपनी संसद में लिए संकल्प कि एक-एक इंच विदेशी कब्जे में पड़ी कश्मीरी जमीन को वापिस लेकर रहेंगे, पूरा नहीं करता तब तक पाकिस्तान को कश्मीर के नाम पर आतंक की फंण्डिग व आतंकी मुहैया होते रहेंगे। पहले कश्मीर में अलवादी राजनीति करने वालों के स्वार्थों के चलते कश्मीर विकास में पिछड़ा रहा नतीजा कश्मीर में केन्द्र वह नहीं कर सका जो संभव था। परन्तु अब केन्द्र सरकार का सीधा नियंत्रण कश्मीर में है। अत: विकास एवं सुरक्षा के लिहाज से कश्मीर को विश्व के सामने एक मॉडल बनाया जाना चाहिए ताकि पाक अधिकृत कश्मीर के लोग स्वत: ही दिल्ली के नियंत्रण में होने की लड़ाई लड़ें। सुरक्षा एवं विकास ये दो अस्त्र हैं जो दुनिया में जर्मनी को एक कर गए, जो वियतनाम को एक कर गए, कश्मीर को एक करने के लिए पूरी दुनिया भारत के साथ है। अगर चंद गुमराह लोगों एवं पाकिस्तान को कश्मीरियों के बीच से हटा दिया जाए।
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