पीलीबंगा (सच कहूँ न्यूज/मंजू राजपुरोहित)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं के अनुसरण में रविवार को पीलीबंगा कस्बे के वार्ड 17 निवासी कृष्णा इन्सां की मरणोपरांत उनके परिजनों की ओर से मेडिकल रिसर्च के लिए देहदान की गई। डेरा सच्चा सौदा से जुड़ी हुई कृष्णा इन्सां धर्मपत्नी सुखदेव राज इन्सां के सासांरिक यात्रा पूर्ण कर मालिक के चरणों में सचखण्ड जा विराजने पर उनके परिवार ने माता कृष्णा इन्सां की इच्छानुसार उनकी पावन देहदान करते हुए मेडिकल रिसर्च टीम को उनका पार्थिव शरीर सौंपा। उनकी देह नेशनल कैपिटलरीजन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस मेरूट की टीम को दान की गई। Body Donation
ब्लॉक जिम्मेवारों ने बताया कि माता कृष्णा इन्सां ने अपने जीवन के दौरान ही संकल्पित होकर अपना शरीर डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु जी की पावन प्रेरणा से डोनेट करने का निर्णय लिया था, जिस पर उनके परिजनों ने उनकी इच्छा को फलीभूत करते हुए मेडिकल रिसर्च के लिए उनकी बॉडी दान कर पूज्य गुरु जी के पावन वचनों पर फूल चढ़ाए। अंतिम यात्रा से पूर्व माता की अर्थी को उनकी बेटियों ने कंधा देकर अपना कर्तव्य निर्वहन किया। Body Donation
पावन देह को रवाना करने के मौके पर माता कृष्णा इन्सां अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा माता कृष्णा इन्सां तेरा नाम रहेगा व पवित्र नाराज धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा के नारों से आसमान गुंजायमान कर दिया। इस मौके पर सुखदेव राज इन्सां, जगदीश चंद्र, सतपाल, कालूराम, रमेश कुमार, निर्मल प्रकाश लुगरिया, फूला देवी, रानी देवी, नीलम रानी, बिंदर, ज्योति, बबलू इन्सां, 85 मेंबर सतीश कुमार, ब्लॉक प्रेमी सेवक भगवानदास इन्सां, नगर प्रेमी सेवक टहल सिंह इन्सां, फकीरचंद, संदीप कुमार, रमेश कुमार, आशीष कुमार, महेंद्र कुमार सोनी, मिट्ठूसिंह, कौर सिंह, गोपाल दास, सुरेंद्र कुमार, लेखराम, संजय पाहुजा, रवि ग्रोवर, सुखचैन सिंह, अनिल कुमार, जगदीश जांगिड़, दलेर सिंह, सत्य नारायण, अवतार सिंह, सुखदेव सिंह, जसवीर सिंह, सत्यनारायण वर्मा, घनश्याम दास, जीत सिंह, सोनू वर्मा, सुनील वर्मा, ईश्वर इन्सां, बहन नीलम, गीता इन्सां, अंग्रेज कौर, मनजीत कौर, हरबंस कौर, छिंद्रपाल कौर सहित काफी तादाद में साध-संगत व कस्बे के नागरिक मौजूद रहे। माता कृष्णा इन्सां के नामित शोकमयी नाम चर्चा 5 जून को प्रात: 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक होगी। Body Donation
पूर्व ब्लॉक प्रेमी सेवक गुरमेल सिंह इन्सां बने दधीचि!